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Chhattisgarh: दीपावली से पहले ही पटाखे जला रहे ग्रामीण, खुशी नहीं मजबूरी, जानिए वजह

गौरेला में हाथियों की दहशत से आलम यह है कि अपने परिवार के साथ ही घर में रखे अनाजों को हाथियों से बचाने के लिए सुरक्षित ठिकानों में भेज रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग भी खूंखार हाथियों के आगे कुछ नहीं कर पा रह

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गौरेला पेंड्रा मरवाही, 23 अगस्त। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में जंगली हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक बिलासपुर संभाग के जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही में हाथियों की दहशत से ग्रामीण बेहद प्रभावित हैं। एक तरफ जहां हाथियों के उत्पात से किसानों की फसल चौपट हो गई है,वही ग्रामीण अपने परिवार को हाथियों से सुरक्षित रखने के लिए दूसरे गांवों की शरण लेने पर मजबूर हैं।

रात में आते है हाथी , चट कर जाते हैं अनाज

रात में आते है हाथी , चट कर जाते हैं अनाज

मिली जानकारी के मुताबिक मरवाही वन मंडल और कटघोरा वन मंडल के सीमावर्ती क्षेत्रो में बसे ग्रामों में हाथियों का उत्पात निरंतर जारी है। 22 हाथियों का झुण्ड पिछले करीब 1 सप्ताह से पसान के खमरिया गांव में डेरा डालकर बैठा हुआ है। जंगली हाथी दिन के समय एक स्थान पर रहते हैं, लेकिन रात होते ही ग्रामीण इलाकों में पहुंच जाते हैं। इस दौरान वह ग्रामीणों के के घरों में रखे अनाजों को चट कर जाते हैं।

ग्रामीण रात भर जागने के लिए मजबूर

ग्रामीण रात भर जागने के लिए मजबूर

ऐसे हालातों में हाथियों की दहशत से परेशान ग्रामीण रात भर जागने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों को भय है कि हाथी अगर उनका अनाज खा जाएगा, तो आने वाले दिनों में उनके पास भोजन की समस्या होने लगेगी। इसके अलावा हाथियों ने पिछले सप्ताह कई गांव के खेतों में खड़ी फसल और साग सब्जी को नुकसान पहुंचाया है।

दीपावली से पहले जलाये जा रहे पटाखें ,इस्तेमाल की जा रही है मशाल

दीपावली से पहले जलाये जा रहे पटाखें ,इस्तेमाल की जा रही है मशाल

गौरेला में हाथियों की दहशत से आलम यह है कि अपने परिवार के साथ ही घर में रखे अनाजों को हाथियों से बचाने के लिए सुरक्षित ठिकानों में भेज रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग भी खूंखार हाथियों के आगे कुछ नहीं कर पा रहा है,इसलिए उन्हें हाथियों को गांव से खदेड़ने के लिए पटाखों और मशालों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, हालांकि यह तरीके ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। हालांकि वन विभाग का अमला लगातार हाथियों की निगरानी कर रहा है। विभाग ने ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने और जंगल में नहीं जाने की हिदायत भी दी है।

हाथियों को नुकसान ना पहुंचाने के निर्देश

हाथियों को नुकसान ना पहुंचाने के निर्देश

बीते दिनों छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा था कि हाथी प्रभावित इलाकों में हाथियों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए .उन्होंने गामीणो से अपील की थी, कि इसी भी प्रकार से पटाखे और मशाल का उपयोग कर हाथियों को आक्रोशित ना करें। उन्होंने वन विभाग के अमले को निर्देशित किया है कि कोई ऐसा करता है तो उसके ऊपर कार्रवाई करें।

कोरबा जिले के पसान वन परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर धर्मेंद्र चौहान का कहना है कि हमारे लोग ग्रामीणों का सहयोग से कोशिश करते हैं कि हाथी बस्ती की तरफ न आए. उन्होंने आगे का कि हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि वह हाथियों से छेड़खानी न करें और मशाल पटाखों का उपयोग ना करें।

तीन तरफ से हाथियों ने घेरा

तीन तरफ से हाथियों ने घेरा

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला इस समय हाथियों की दहशत से काँप रहा है। यह इलाका तीन तरफ से हाथियों के दल से घिर चुका है। मरवाही वन क्षेत्र में 22 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। यह दल कोरबा जिले से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की सीमा पर आ धमका है। इनमें से एक हाथी पहले ही अपने समूह से भटक गया था,वह कोरबा जिले के पसान के चंद्रोटी गांव पहुंच गया और एक ग्रामीण युवक को कुचलकर मार भी डाला। इधर पहले से ही 3 हाथियों का तएक अन्य झुण्ड मरवाही के उसाड़ गांव में मौजूद है। इन हाथियों ने कई घरों और फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

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English summary
Chhattisgarh: Villagers are burning firecrackers even before Diwali, happiness is not compulsion, know the reason
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