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अमेरिका में मिला 3 साल की सरस्वती का शव, बिहार में छलक पड़े आंसू

By Rajeevkumar Singh
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पटना/ बिहारशरीफ। नालंदा मदर टेरेसा अनाथ आश्रम से गोद ली गयी बच्ची सरस्वती उर्फ शेरिन मैथ्यूज के लापता होने के बाद उसके शव मिलने की खबर से अनाथ आश्रम में सन्नाटा छा गया है। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा है कि जिस सरस्वती को बड़े लाड़-प्यार के साथ अमेरिकी दम्पति उसे सात समन्दर पार ले गये थे, उस मासूम की आवाज अब सुनने को लिए नहीं मिलेगी।

दूध नहीं पीने पर घर से बाहर किया था

दूध नहीं पीने पर घर से बाहर किया था

भारतीय बच्ची शेरिन मैथ्यूज के दूध नहीं पीने पर उनके अमेरिकी माता-पिता ने सजा के तौर पर घर से बाहर निकाल दिया था। सात अक्तूबर को यह घटना हुई थी, तब से लेकर अब तक उस बच्ची के बारे में कोई अता-पता नहीं मिल रहा था। सरस्वती के शव मिलने की पुष्टि हॉस्टन की पुलिस ने भी कर दी है तो अनाथ आश्रम के अध्यक्ष अमित पासवान ने अमेरिकी दंपति को भारत लाकर उस पर हत्या का मामला दर्ज कर उसे फांसी की सजा देने की मांग प्रधानमंत्री से की है।

जानिए कैसे बिहार की सरस्वती पहुंची थी अमेरिका

जानिए कैसे बिहार की सरस्वती पहुंची थी अमेरिका

आपको बताते चलें कि बिहार के नालंदा जिला स्थित मदर टेरेसा अनाथ आश्रम में रहने वाली 3 वर्षीय सरस्वती को विशिष्ट दत्तक संस्थान के द्वारा कुछ महीने पहले अमेरिका की रहने वाली एक दंपति को सौंपा गया था। 3 वर्षीय सरस्वती की परवरिश की बात करते हुए गोद लेकर दंपति उसे अमेरिका चले गए जहां उसके लापता हो जाने की बात सामने आई है। उसे अमेरिका के रहने वाले वेसिली मैथ्यूज और उनकी पत्नी मिनी सिमी को उस वक्त के एसएसपी और कई लोगों की मौजूदगी में दत्तक ग्रहण से संबंधित प्रक्रिया पूरी कर गोद दिया गया था।

सात माह में हो गई थी अनाथ

सात माह में हो गई थी अनाथ

अमेरिका के टेक्सास शहर के रहने वाले वेसिली मैथ्यूज और उनकी पत्नी मिनी सिमी को 23 जून को सरस्वती दिया गया था जिसे लेकर वह अमेरिका चले गए और उसका नाम सरस्वती से बदलते हुए शेरिन मैथ्यूज रखा था। सरस्वती को कुछ महीनों तक रखने के बाद अचानक वह एक दिन नाराज हो गई और गुस्से में दूध नहीं पी। दूध नहीं पीने को लेकर अमेरिकी दंपति काफी नाराज हो गए और बच्ची को कमरे से बाहर निकालते हुए दरवाजा बंद कर लिया लेकिन थोड़ी देर बाद जब वह दरवाजा खोले तो बच्ची गायब थी। बच्ची के गायब होने के बाद सभी उसकी तलाश में लग गए और काफी देर तक तलाश किए जाने के बाद वह कहीं नहीं मिली । फिर जांच पड़ताल के दौरान यह पता चला कि उसकी मौत हो गई है।

गया में सड़क किनारे फेंकी मिली थी सरस्वती
सरस्वती जब सात माह की थी तब मां-बाप ने उसको त्याग दिया था। बच्ची को गया के सड़क किनारे फेंका गया था। उसे गया की बाल कल्याण समिति ने पाला और जब वह डेढ़ साल की हुई तो उसे अनाथ आश्रम भेजा गया था।

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English summary
Three years old Saraswati found dead in America.
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