बिहार: पिंडदान में शराब चढ़ाकर हो रही है मोक्ष की कामना, ये कैसी शराबबंदी ?
पिंडदानी के शराब चढ़ाकर मोक्ष की कामना वाली वीडियो देखने के बाद लोगों ने नाराज़गी ज़ाहिर की। उनका कहना है कि शराब तस्करी का मामला तो समझ में आता है कि शराब माफिया चोरी छिपे शराब का कारोबार कर ही लेते हैं।
पटना, 16 सितंबर 2022। बिहार में शराबबंदी है लेकिन प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से शराब की तस्करी और शराब के इस्तेमाल की खबर देखने को मिल रही है। इन खबरों को देखने से तो ऐसा ही महसूस होता है कि प्रदेश में शराबबंदी सिर्फ़ कागज़ों पर ही है। पिछले दिनों नांलदा से शराब तस्करी का एक मामला सामने आया था। वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें शराब चढ़ाकर मोक्ष की कामना की गई है। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद लोग कई तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। बिहार में शराब प्रतिबंधित है यह पूरे देश को मालूम है। उसके बावजूद दूसरे प्रदेश से बिहार में शराब लाकर पिंडदान में मोक्ष का कामना वाला वीडियो कई तरह के सवाल खड़े कर रहा।
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प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल
पिंडदानी के शराब चढ़ाकर मोक्ष की कामना वाली वीडियो देखने के बाद लोगों ने नाराज़गी ज़ाहिर की। उनका कहना है कि शराब तस्करी का मामला तो समझ में आता है कि शराब माफिया चोरी छिपे शराब का कारोबार कर ही लेते हैं। खुलेआम पिंडदानी शराब चढ़ा रहे हैं, क्या प्रशासन बाहर से आए लोगों के सामानों की जांच नहीं करता है। अगर पिंडदानी ट्रेन से आए तो रेलवे स्टेशन पर क्या उनके सामान की जांच नहीं की गई। अगर वह लोग गाड़ी से आये तो भी उनके सामानों की चेकिंग होनी चाहिए थी। वैसे भी शराब चढ़ाकर मोक्ष की कामना कहीं से भी सही नहीं है। किसी ग्रंथ में भी इसका ज़िक्र नहीं किया गया है।
सफाई कर्मी को दी बची हुई शराब
गाजीपुर (यूपी) से एक परिवार शराब लेकर गया आया, इसके बाद गया जी में अपने पूर्वजों के नाम पर उन्होंने शराब चढ़ाई। शराब चढ़ाने के बाद बची हुई शराब को वहां मौजूद सफाई कर्मी को दिया। यह सारा मामला वीडियो में क़ैद है। यह तस्वीर प्रशासन को मुंह चिढ़ाने जैसा है, वहीं धार्मिक मामलों के जानकार की मानें तो पिंडदान मोक्ष प्राप्ति के लिए होता है। लेकिन शराब से तर्पण नहीं किया जाता है। पढे-लिखे लोग इस तरह का पिंडदान नहीं करते हैं, यह मूर्खता है ।
अंग्रेज़ी शराब से तर्पण कर मोक्ष की कामना
गया शहर से 10 किलोमीटर दूर प्रेतशिला पहाड़ का पूरा मामला बताया जा रहा है। जहां महावीर प्रसाद जायसवाल और रमण प्रसाद गुप्ता ने शराब से तर्पण किया। वहीं जब उनसे पूछा गया कि प्रेतशिला पिंडवेदी पर शराब से तर्पण का किया मतलब है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके जिले में एक ब्राह्मण ने शराब आदि पितर लोगों को चढ़ाने की बात कही थी। इसलिए उन्होंने अंग्रेज़ी शराब से तर्पण कर मोक्ष की कामना की है।
'पिंडदान में तंत्र-मंत्र की क्रिया नहीं होती है'
शराब से तर्पण मामले सुशील भाई विठ्ठल ( अध्यक्ष, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति) ने कहा कि भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश को पिंडदान समर्पित किया जाता है। पिंडदान में किसी भी तरह से तंत्र-मंत्र की कोई क्रिया नहीं है। अगर कोई तंत्र-मंत्र की क्रिया करता है या शराब से तर्पण करता है तो वह उसकी नासमझी है। अगर किसी पंडित ने उन्हें ऐसा मशवरा दिया तो बिल्कुल ही ग़लत है। वह पंडित नहीं हो सकता है, ऐसे लोग जाहिल और महाठग होते हैं, जो अपनी बातों में लोगों फंसा कर ठगी करते हैं।
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