घोटाले पर राबड़ी को दुबारा नोटिस भेजेगा ED, आज फिर नहीं पहुंचीं दिल्ली
अब सिर्फ राबड़ी देवी का बयान दर्ज करना है, राबड़ी देवी के बयान दर्ज करने के बाद सभी का बयान एक दूसरे से मिलाया जाएगा। फिर मामले की जांच आगे बढ़ पाएगी।
पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी रेलवे टेंडर में हुए घोटाले को लेकर पूछताछ के लिए आज प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर दिल्ली में जाने वाली थीं लेकिन वो नहीं पहुंचीं। कल तेजस्वी यादव से पूछताछ के बाद आज राबड़ी देवी का इंतजार प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी कर रहे थे। इससे पहले दो बार उन्हें नोटिस भी भेजा गया था, जहां आज प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली दफ्तर में 10:30 बजे उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लेकिन राबड़ी देवी दिल्ली नहीं बल्कि पटना में ही रहीं और वो दूसरी बार भी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुईं।
बता दें कि राबड़ी देवी के छोटे बेटे तेजस्वी यादव से कल 8 घंटे तक प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पूछताछ किया और इस दौरान 65 सवालों के जवाब में तेजस्वी उलझते नजर आए। जो सवाल तेजस्वी यादव से पूछा गया था वही सवाल राबड़ी देवी से भी पूछा जाता। ईडी सूत्रों की अगर मानें तो इन दोनों से पूछताछ के बाद विभाग के द्वारा दोनों के बयान का मिलान कराया जाता। फिर आगे की कार्रवाई होती लेकिन लगातार दूसरी बार नोटिस भेजने के बावजूद भी राबरी देवी पूछताछ के लिए नहीं पहुंची।
गौरतलब है कि रेलवे होटल आवंटन में हुए कथित भ्रष्टाचार से संबंधित मामले की जांच ईडी कर रहा है और कुछ समय पहले लालू प्रसाद यादव परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वहीं रेलवे टेंडर घोटाले में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने का मामला भी सामने आया था। इसी मामले में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी से सीबीआई की टीम द्वारा लंबी पूछताछ की गई थी। ये घोटाला उस वक्त का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे।
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों की अगर मानें तो विभाग की पूछताछ की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ राबड़ी देवी का बयान दर्ज करना है, राबड़ी देवी के बयान दर्ज करने के बाद सभी का बयान एक दूसरे से मिलाया जाएगा। फिर मामले की जांच आगे बढ़ेगी लेकिन पूछताछ के लिए जांच एजेंसियों को कॉर्पोरेट करने में लालू परिवार सपोर्ट नहीं कर रहा है। कभी लालू तो कभी तेजस्वी तो कभी उनकी पत्नी अंतिम मौके पर जांच एजेंसी के पास नहीं पहुंची, जिससे जांच में लगे अधिकारियों का समय बर्बाद हो जाता है।
दूसरी तरफ जांच एजेंसियों के सामने लालू परिवार कुछ भी बोलने से आखिरकार डरता क्यों है? क्योंकि पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी के अधिकारी उनसे संतुष्ट नहीं होते हैं और दोबारा जरूरत पड़ने पर पूछताछ की बात करते हैं। दरअसल, लालू प्रसाद यादव से भी जब सीबीआई की पूछताछ हुई तब लालू प्रसाद यादव ने अधिकतर सवालों के जवाब देते हुए कहा था कि विभाग का काम मंत्री नहीं बल्कि अधिकारी करता है और हमारे रीजन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी तो अधिकतर सवाल के जवाब में हां और ना कहते हुए निकल गए थे।
तेजस्वी यादव भी कुछ इसी तरह हां/ना का जवाब देते हुए जांच एजेंसियों के सवाल से पीछा छुड़ाने की कोशिश में लगे हुए थे। अब राबड़ी देवी की बारी है तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वो भी अधिकतर सवालों का जवाब हां या नां में देंगी। हालांकि एजेंसी दुबारा उनसे पूछताछ करने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी में लगी हुई है।
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