बिहार: शराब की खरीद-फरोख्त के 1 लाख 33 हजार मामलों में सिर्फ 141 को हुई सजा
पटना। बिहार में शराबबंदी के बाद से अब तक 1 लाख 33 हजार के लगभग मामले सामने आए हैं। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन सभी मामलों में से सिर्फ 141 को ही सजा मिल पाई है। सीधा सा मतलब है कि शराबबंदी के बाद से अब तक शराब की तस्करी को सरकार पूरी तरह रोक नहीं पाई है साथ ही इनकी खरीद-फरोख्त करने वालों को पुलिस और उत्पाद विभाग सजा दिलवाने में नाकाम साबित हुआ है। बता दें कि ये आंकड़े शराबबंदी के बाद से 12 सितंबर तक के हैं।
बिहार में शराबबंदी लागू है लेकिन अवैध शराब की तस्करी भी धड़ल्ले से हो रही है। शराब पीने औऱ बेचने वालों में से 52,185 मामले उत्पाद विभान ने जबकि पुलिस ने 81,154 मामले दर्ज किए हैं। कुल मिलाकर 161629 व्यक्तियों को गिरफ्तारी की, लेकिन सिर्फ 141 लोगों को ही सजा दिलवाने में सफल हो पाई। आंकड़े सामने आने के बाद से बिहार सरकार के कानून पर सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि जिन 141 लोगों को सजा हुई उनमें से 52 शराब पीने वाले और 89 शराब बेचने वाले हैं। वहीं उत्पाद विभाग द्वारा दर्ज मुकदमों में सर्वाधिक मामले शराब पीने से जुड़े हैं। बिहार में शराबबंदी कानून के तहत अप्रैल 2016 से 12 सितंबर 2018 तक एक लाख 33 हजार, 339 मामले दर्ज किए गए हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और जीतनराम मांझी ये आरोप लगाते आए हैं कि शराबबंदी के ज्यादातर मामलों में गरीबों और दलितों को फंसाया जा रहा है और शराबबंदी गरीब विरोधी है।
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