बिहारः सदन में हंगामे के बाद आंखों पर पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे विपक्ष के विधायक
पटना। बीते मंगलवार की शाम को बिहार विधानसभा के अंदर हुए घटना के खिलाफ विपक्ष के विधायक आज यानी कि बुधवार को धरने पर बैठ गए हैं। विरोधी पार्टियों के विधायक आंखों में पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं सदन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी सदन में विपक्षी पार्टी के विधायक नहीं गए। कल की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं राजद महिला विधायक ने सदन के बाहर चूड़ियां दिखाईं।
विधानसभा के बाहर विपक्ष समानांतर सदन चल रहा है। वहीं विधायकों के साथ हुई मारपीट पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जो आपातकाल के खिलाफ अपनी राजनीति करते हैं, आज उनके शासनकाल में चुने हुए विधायकों को विधानसभा में पुलिस मारती है, महिला विधायकों के साथ अभद्रता होती है। ये गुंडाराज नहीं है तो क्या है। नीतीश सरकार पर हिटलर शाही का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत अन्य विधायकों ने लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है।
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बता दें कि सदन से जब विरोधी पार्टी के विधायकों ने वाक आउट कर दिया तो सदन से विधेयक को पारित करवा लिया गया। विरोधी पार्टी के विधायक अपने-अपने घर चले गए लेकिन सत्तारूढ़ दल के विधायकों के साथ-साथ मंत्री भी विधानसभा में रुक गए। क्योंकि बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने बजट सत्र खत्म होने की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम वसंतोत्सव का आयोजन किया था, जिसमें सत्ताधारी दल के विधायकों के साथ-साथ विपक्ष के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद भोजन की भी व्यवस्था थी, लेकिन विरोधी पार्टी के तमाम विधायकों ने भोज का बहिष्कार कर दिया और सदन से चले गए. दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के विधायकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का खूब लुत्फ़ उठाया और मनोरंजन किया।
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