पटनाः NEET परीक्षा में सॉल्वर गैंग का सरगना प्रेम कुमार छपरा से हुआ गिरफ्तार
पटना। नीट परीक्षा में सॉल्वर के जरिये अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने वाले गैंग के सरगना प्रेम कुमार को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने छपरा से गिरफ्तार कर लिया है। प्रेम कुमार के साथ-साथ जीजा रितेश कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। रितेश कुमार पटना सचिवालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है। बता दें कि गिरफ्तारी से कुछ देर पहले यूपी में पुलिस कमिश्नर ने पीके पर इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी थी।
बता दें कि वाराणसी में नीट की परीक्षा के दौरान बीएचयू की छात्रा के पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद एक-एक करके गिरफ्तारियां हुई और पता चला कि मास्टरमाइंड पीके ही है। इसके बाद पुलिस की टीम पीके की तलाश में बिहार के अलावा कर्नाटक त्रिपुरा तक छापेमारी करती रही। पीके के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू भी जारी हुआ था।
पुलिस के अनुसार पीके के पिता उद्योग विभाग से 1990 में सेवानिवृत हुए थे और उसके बाद परिवार पटना में बस गया था। पीके ने कॉरस्पॉडेंस कोर्स के जरिये स्नातक की परीक्षा पटना विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की लेकिन हैरानी की बात है कि अपने आप को पीके डॉक्टर बताता है और अपने घर पर डॉक्टर की वेश में ही निकलता है। इसका मकसद यह है कि लोग इसपर विश्वास कर सके कि वह डॉक्टर ही है।
NEET सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड 'PK' की हुई पहचान, तलाश में जुटी पुलिस
पीके मूल रूप से छपरा के एकमा थाना क्षेत्र के चंदवा गांव का रहने वाला है और पटना के पाटलिपुत्र इलाके में वह मकान बनाकर रहता था। पीके नीट की परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाता है। पुलिस के मुताबिक पीके और इसके गैंग के सदस्य करीब 5 वर्षों से नीट की परीक्षा में सॉल्वरों को बैठाकर परीक्षार्थियों को सफलता का ठेका लेता है। नीट की परीक्षा के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य के शिक्षक परीक्षा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा के साथ-साथ बिहार पुलिस और दूसरी सेवाओं में रितेश उर्फ सोनू के साथ मिलकर प्रश्न पत्र आउट करना और सॉल्वर की व्यवस्था कर परीक्षा पास करवाना इस गैंग का मुख्य काम है।