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बिहार: परिवार को वक्त देने के लिए छोड़ दी नौकरी, अंडा बेचकर करोड़पति बना मर्चेंट नेवी कैप्टन

रविशंकर ने परिवार को वक्त देने के लिए नौकरी छोड़ी और अपना ही व्यवसाय शुरू कर दिया। रविशंकर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि उनके बच्चे बड़े हो रहे थे। मर्चेंट नेवी में काम करते हुए वह परिवार और बच्चों के लिए...

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नालंदा, 8 सितंबर 2022। युवा सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए रोजगार की तलाश कर रहे हैं। वहीं एक शख्स ऐसा भी है जिसने सरकारी नौकरी छोड़ दी और खुद का व्यवसाय शुरू कर दिया। इतना ही नहीं व्यवसाय करते हुए वह करोड़ों के मालिक भी बन गए। आपको लग रहा होगा कि यह तो सिर्फ़ फिल्मों में ही हो सकता है, लेकिन हक़ीक़त में मुमकिन नहीं। यह बिल्कुल हक़ीक़त है, हम बात कर रहे हैं, नालंदा (बिहार) के रहने वाले रविशंकर की जिन्होंने मर्चेंट नेवी की जॉब छोड़ दी और अपना ही व्यवसाय शुरू कर दिया। आज वह खुद का बिजनेस तो कर ही रहे हैं, साथ में दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

अंडा बेचकर करोड़पति बना मर्चेंट नेवी कैप्टन

अंडा बेचकर करोड़पति बना मर्चेंट नेवी कैप्टन

रविशंकर ने परिवार को वक्त देने के लिए नौकरी छोड़ी और अपना ही व्यवसाय शुरू कर दिया। रविशंकर ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि उनके बच्चे बड़े हो रहे थे। मर्चेंट नेवी में काम करते हुए वह परिवार और बच्चों के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते थे। इसलिए उन्होंने तीन साल पहले मर्चेंट नेवी में कैप्टन की नौकरी छोड़ने का फ़ैसला किया। नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें अंडों के बिजनेस का खयाल आया। फिर रविशंकर ने मुर्गी फॉर्म खोल कर अंडों का कारोबार शुरू किया। आज की तारीख़ में वह अंडों के व्यवसाय से साल में तीस लाख रुपये कमा रहे हैं।

रोज़ाना 25 हज़ार अंडों का उत्पादन

रोज़ाना 25 हज़ार अंडों का उत्पादन

रविशंकर अपने बिजनेस के ज़रिए 12 परिवारों को रोज़गार दे रखा है। मुर्गी फॉर्म में वह लगातार नए-नए तकनीक का प्रयोग करते रहते हैं जिससे उन्हें फ़ायदा भी मिल रहा है। रविशंकर ने अपने बिजनेसा आईडिया को शेयर करते हुए बताया कि सरकारी योजनाओं की मदद से पहले उन्होंने पुष्पा एग्रो नाम से अंडों के उत्पादन का बिज़नेस शुरु किया था। धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया और अब उनके पास क़रीब 27 हज़ार मुर्गियां है। इसके साथ ही रोज़ाना 25 हज़ार अंडों का उत्पादन भी हो रहा है।

सरकार की तरफ़ से भी मिलती है सब्सिडि

सरकार की तरफ़ से भी मिलती है सब्सिडि

रविशंकर ने बताया कि 30 हजार की सब्सिडी पर 10 हज़ार चूज़े मिलते हैं। वह चूज़ा लेकर आते हैं, चार महीने में चूज़े मुर्गी की शक्ल एख्तियार कर लेते हैं। चार महीने में चूज़े मुर्गी बनते हैं और अंडे का उत्पादन होने लगता है। ग़ौरतलब है कि एक मुर्गी एक साल से ज़्यादा वक्त तक अंडा देती है। वहीं इस व्यवसाय के लिए सरकार द्वारा सब्सिडि भी मिलती है जिससे बिजनेस करने में ज़्यादा मुश्किलें नहीं होती है।

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English summary
nalanda merchant navy captain ravi shankar selling egg became millionaire
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