नीतीश कुमार पर 1991 में दर्ज हत्या के मुकदमे की क्या है पूरी कहानी?
नीतीश कुमार पर 1991 में दर्ज हत्या के मुकदमे की क्या है पूरी कहानी?
नई दिल्ली। बुधवार शाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे की वजह सहयोगी दल राजद के मुखिया लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप को माना जा रहा है। इस्तीफे के बाद भी नीतीश ने कहा कि वे अपनी छवि के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। इस पर लालू यादव ने कहा है कि उन पर तो भ्रष्टाचार के ही आरोप हैं लेकिन नीतीश पर तो हत्या का मुकदमा है।
लालू ने दिखाए नीतीश पर हत्या के मुकदमे के कागजात
लालू यादव ने ने कहा कि नीतीश कुमार पर हत्या का मामला दर्ज है। जो कि भ्रष्टाचार से कहीं ज्यादा गंभीर है। लालू ने कहा इस मामले में उन्होंने फर्जी दस्तावेज देकर जमानत ली है जो कि एक और अपराध है। लालू यादव ने कहा कि खुद को ईमानदार बताने वाले नीतीश इस मुकदमें के बारे में क्या कहेंगे।
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क्या है ये पूरा मामला
नीतीश कुमार पर हत्या का ये मामला 1991 का है। 1991 में बिहार में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बाढ़ संसदीय क्षेत्र से नीतीश कुमार जनता दल के उम्मीदवार थे। इस क्षेत्र में वोटिंग के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह नाम के एक व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में ढीबर गांव के अशोक सिंह ने नीतीश कुमार को हत्या में नामजद किया था।
2009 में बाढ़ कोर्ट के तत्कालीन एसीजेएम रंजन कुमार ने इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी पाते हुए उनपर इस मामले में ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया था। फिर मामले को हाईकोर्ट में स्थानांतरित करा दिया गया। 2009 से यह मामला हाइकोर्ट में लंबित है।
वोट डालने से रोकने को नीतीश कुमार ने चलाई थी गोली!
सीताराम सिंह हत्या मामले में गवाह अशोक सिंह ने बाढ़ के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायत पत्र दायर कर आरोप लगाया था कि बाढ़ संसदीय उपचुनाव के दौरान 16 नवंबर 1991 को वे सीता राम सिंह सहित अन्य लोगों के साथ मतदान करने जा रहे थे, तभी वहां जनता दल प्रत्याशी नीतीश कुमार, तत्कालीन मोकामा विधायक दिलीप सिंह और कुछ हथियारबंद लोगों के साथ पहुंचे और वोट ना देने को कहा।
इन लोगों की बात जब सीताराम ने उनकी बात नहीं मानी तो नीतीश ने राइफल उस पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई। दूसरे लोगों ने भी गोली चलाई जिसमें कई और लोग भी घायल हुए। इस मामले में अशोक ने ही रिपोर्ट दर्ज कराई थी और वो ही मुख्य गवाह हैं।