जब कुर्ता फाड़कर लालू फेंकते थे राबड़ी पर रंग, देखिए होली की तस्वीरें
तस्वीरें सन् 1997 से 2000 की है जहां उनके आवास पर महफिल जमती थी और कार्यकर्ता से लेकर नेता तक सभी लालू यादव के साथ कुर्ता फाड़ होली खेलते थे तो पत्नी राबड़ी देवी भी पीछे नहीं हटती थीं।
पटना। होली का त्योहार आते ही हर तरफ से एक ही आवाज सुनने को मिलती है 'बुरा न मानो होली है'। तो इस दिन दुश्मन भी दोस्त हो जाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार के खास राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कि वो होली जिसमें बरसों पहले वो किस तरह कुर्ता फाड़कर होली खेलते थे और सामने खड़ी राबड़ी उनके ऊपर रंग डालती रहती थीं।
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होली का त्योहार एक ऐसा त्यौहार है जिसमें आम हो या खास सभी पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और गले लगाते हुए दोस्ती की तरफ हाथ बढ़ाते हैं। तो आज से कई सालों पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के यहां की होली सबसे चर्चित होली रहती थी। क्योंकि इस होली में कुर्ता फाड़ होली खेली जाती थी । हम आपको दिखा रहे हैं लालू यादव की वो होली की तस्वीरें जब बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव हुआ करते थे। ये बात करीब 1997 से 2000 की है जहां उनके आवास पर महफिल जमती थी और कार्यकर्ता से लेकर नेता तक सभी लालू यादव के साथ कुर्ता फाड़ होली खेलते थे तो होली खेलने में उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी पीछे नहीं हटती थीं। वो कार्यकर्ताओं के साथ जमकर होली खेलती थीं और रंगों से भीगते हुए लालू यादव की ढोलक का आनंद लेती थीं।
होली के दिन लालू यादव के घर का नजारा देखने लायक होता था क्योंकि सुबह 7 बजे से ही कार्यकर्ता और नेता एक दूसरे को रंग लगाने के लिए पहुंच जाते थे। तो होली खेलने में लालू यादव भी पीछे नहीं हटते थे। सभी जमकर एक दूसरे को रंग लगाते थे फिर समय आ जाता था कुर्ता फाड़ होली का जो दोपहर 1 बजे के बाद से शुरू होता था।
कुर्ता फाड़ने का दौर जिसमें बड़ा हो या छोटा सभी का कुर्ता फाड़ दिया जाता था। तो कार्यकर्ता और नेता लालू यादव का भी कुर्ता फाड़ देते थे। फिर सभी को रंगों से नहला दिया जाता था। कुर्ता फाड़ होली के बाद शुरू होता था होली का लोक गीत। जिसमें कौन कितना अच्छा गाता है ये देखा जाता था तो लालू यादव खुद ढोल बजाते थे और वहीं राबड़ी देवी रंगों से भीगी उनके ढोल का आनंद लेती रहती थीं।
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