बिहार के सरकारी स्कूलों में महंगी हुई शिक्षा, जानिये अब कितनी होगी फ़ीस ?
ग़रीब परिवार के महंगे स्कूलों में अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिलवा पाते हैं। इसलिए उनका सहारा सरकारी स्कूल ही होता है, जहां वह अपने बच्चों को मुफ़्त शिक्षा दिला सकते हैं।
पटना, 5 अप्रैल 2022। ग़रीब परिवार के महंगे स्कूलों में अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दिलवा पाते हैं। इसलिए उनका सहारा सरकारी स्कूल ही होता है जहां वह अपने बच्चों को मुफ़्त शिक्षा दिला सकते हैं। लेकिन महंगाई की मार की वजह से अब बिहार के सरकारी उच्च विद्यालयों में भी शिक्षा महंगी हो गई है। महंगाई के बोझ तले ग़रीब परिवार पहले से ही दबा हुआ है। अब बच्चों की शिक्षा के लिए भी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के उच्च विद्यालयों नए सत्र से दाखिला लेने पर क़रीब तीन 3 गुना ज़्यादा फ़ीस भरना पड़ेगा। यहां तक के अब पहचान पत्र के लिए भी चार्ज देना होगा।
अब पहचान पत्र के लिए भी चुकाने होंगे चार्ज
बिहार के सरकारी स्कूलों में पहले विद्यालय की तरफ़ से पहचान पत्र मुफ़्त में दिए जाते थे लेकिन अब छात्रों को बढ़ी हुई एडमिशन फीस के साथ-साथ पहचान पत्र का भी चार्ज अपनी पॉकेट से देना पड़ेगा। ग़ौरतलब है कि पहले 9वीं सिर्फ़ 20 रुपये दाखिला फीस लगता था और 11 वीं में 15 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाता था। लेकिन अब प्रवेश शुल्क बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही विकास शुल्क के नाम पर एक बार में ही 80 रुपये देने होंगे 9वीं कक्षा के छात्रों के देने होंगे। पहले विकास शुल्क दो किस्तों में लिया जाता था।
11वी में अब लिए जाएंगे 200 रुपये विकास शुल्क
शिक्षा विभाग से मुताबिक 11वी में अब 200 रुपये विकास शुल्क लिए जाएंगे। पहले 11वीं में विकास शुल्क के नाम पर 160 रुपये लिए जाते थे। अब विकास शुल्क में 40 रुपये और बढ़ा दिया गया है। इस तरह से देखा जाए तो नए सत्र के फ़ीस स्ट्रक्चर के मुताबिक 9वीं में दाखिला लेने वाले छात्रों को 181 रुपये ज़्यादा चुकाने होंगे। वहीं 11वीं कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों को 165 रुपये ज्यादा देने होंगे। इतना ही नही शिक्षा विभाग जारी किए गए आदेश के मुताबिक मनोरंजन के लिए भी बच्चों को स्कूल में फीस देना होगा।
मेंटेनेंस के लिए भी देना होगा चार्ज
बिहार के सरकारी स्कूल में पहले 9वी कक्षा छात्र में मनोरंजन फीस 10 रुपये देते थे लेकिन अब उस फीस दोगुना बढ़ा दिया गया है। मतलब कि अब 10 की जगह 20 रुपये मनोरंजन फ़ीस देना होगा। वहीं 11वीं के छात्रों को मनोरंजन फ़ीस तीन गुणा बढ़ा कर देना होगा। पहले मनोरंजन फीस के नाम 20 पर 20 रुपये देने होते थे लेकिन अब उसे बढ़ाकर 60 रुपये कर दिया गया है। इसके बाद भी छात्रों पर से शिक्षा की महंगाई का बोझ कम नहीं हुआ है। नौवीं के छात्रों को 50 रुपये अलग से विद्यालय के रख रखाव के लिए फ़ीस के तौर पर चुकाने होंगे। ग़ौरतलब है कि पहले 9वीं के छात्रों को रख रखाव के नाम पर एक रुपया भी फ़ीस नहीं देना होता था।
विद्यालय के विकास कोष में जमा होगी राशि
बिहार के सराकरी उच्च विद्यालयों में पहले 11वीं के छात्रों को पहले के तरह ही रख रखाव के नाम पर 150 रुपये चार्ज देने होंगे। इन सब चार्जों के अलावा सभी छात्रों के बिजली बिल में भी बढा हुआ चार्ज चुकाना पड़ेगा। बिजली बिल के स्ट्रक्चर की बात की जाए तो 9वीं के बच्चों 20 रुपये बिजली बिल देने होंगे और 11वीं के छात्रों को 80 रुपये बिजली बिल देने होंगे। पहले 9वी के छात्रों को 10 रुपये और 11वीं के छात्रों से 60 रुपये बिजली बिल लिया जाता था। आपको बता दें कि जिस विद्यालय से छात्रों ने 9वी की पढ़ाई की है उसी विद्यालय से 11वीं की पढ़ाई करने पर छात्रों से दाखिला चार्ज नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा एससी-एसटी छात्रों को ट्यूशन फीस में छूट दी जाएगी। समिति की तरफ़ फॉर्म के लिए स्कूलों को फीस चुकाया जाएगा। विद्यालय के विकास कोष में सभी विद्यालयों में सभी तरह की राशि जमा की जाएगी।
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