बिहार विधान परिषद चुनाव में कई सीटों पर हुआ त्रिकोणीय मुक़ाबला, समझिये आंकड़ों का गणित
बिहार विधान परिषद चुनाव कल शाम चार बजे संपन्न हो गई। एमएलसी चुनाव के लिए सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक का वक्त था।
पटना 5 अप्रैल 2022। बिहार विधान परिषद चुनाव कल शाम चार बजे संपन्न हो गई। एमएलसी चुनाव के लिए सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक का वक्त था। मतदान ख़त्म होते ही 24 सीटों पर 187 प्रत्याशियों ने दांव आज़माया। सभी प्रत्याशियों की क़िस्मत का फ़ैसला सात अप्रैल को मतगणना के बाद होगा। 534 प्रखंड मुख्यालय में बिहार विधान परिषद के स्थानी प्राधिकार चुनाव के लिए मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस चुनाव से सवा लाख से भी ज़्यादा मतदाताओं ने अपने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
मतदान में चुनाव चिन्ह का नहीं हुआ इस्तेमाल
आयोग की ओर से निष्पक्ष और शांतीपूर्ण तरीक़े से मतदान के लिए सही इंतेज़ाम किया गया था। ग़ौरतलब है कि इस बार ये चुनाव अनोखा था क्योंकि किसी भी प्रत्याशी के लिए मतदान में चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं किया गया, बजाय इनके प्रत्याशियों के नाम पर मतदान हुआ। वोटिंग पेपर में प्रत्याशियों के नाम के सामने वाले कॉलम में पार्टी का नाम लिखा हुआ था। 24 सीटों के लिए चुनाव मैदान राजद के 23, कांग्रेस 15, भाजपा के 12, जदयू के 11, भाकपा के 01, रालोजपा के 01 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे। इन सबके अलावा कुछ सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार भी उतरे थे हैं।
कई सीटों पर रहा त्रिकोणीय मुकाबला
बिहार विधान परिषद के चुनाव में कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। इनमें ख़ास तौर से मधुबनी जिले में निर्दलीय प्रत्याशी सुमन महासेठ, मोतिहारी में निर्दलीय प्रत्याशी महेश्वर सिंह, पटना में निर्दलीय प्रत्याशी लल्लू मुखिया, गया में निर्दलीय प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार, रोहतास-कैमूर में निर्दलीय प्रत्याशी रविशंकर पासवान के अलावा सारण जिले में निर्दलीय प्रत्याशी सच्चिदानंद राय समेत कई और सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। इसकी ख़ास वजह इन सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों के स्थिति मजबूत बताई जा रही है। इस चुनाव में सांसद, विधायक, विधान पार्षद, त्रिस्तरीय पंचायत के वार्ड सदस्य, मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, छावनी क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने मतदान किया।
प्रत्याशी के नाम के आगे अंक लिखकर मतदान
मतदाताओं ने मतपत्र पर बैगनी स्केच पेन से मूल्यांकन कर मतपेटी में मतदान किया। गौरतलब है कि चुनाव कर्मियों द्वारा दिए गए पेन की मदद से मतदाताओं को अपनी पसंद के प्रत्याशी के नाम के आगे अंक लिखकर मतदान करना था। इसके साथ ही मतदाता को मतपत्र पर हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान किसी भी सूरत में नहीं लगाना था। मतदान करने आए जनप्रतिनिधियों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि मत पत्र पर साइन या फिर अंगूठे का निशान नहीं लगाना है अगर ऐसा कि तो वोट बेकार हो जाएगा।
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