Bihar Elections Tejashwi की लीडरशिप में लड़ा जाएगा, CM नीतीश कुमार ने किया ऐलान
Bihar Elections Tejashwi Yadav की लीडरशिप में लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज इसकी घोषणा की। बता दें कि भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश की जदयू और तेजस्वी की राजद व कई अन्य दलों की सरकार बनी है।
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Bihar Elections Tejashwi Yadav की लीडरशिप में लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के युवा नेता तेजस्वी यादव बिहार का नेतृत्व करने में सक्षम हैं इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। दिलचस्प है कि बिहार की महागठंधन सरकार में राजद और जदयू प्रमुख पार्टियां हैं। नीतीश की घोषणा अहम मानी जा रही है क्योंकि भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश की जदयू और तेजस्वी की राजद व कई अन्य दलों की सरकार बनी है।
बिहार की सियासत सुर्खियों में
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनावी नतीजों के ठीक बाद बिहार की सियासत सुर्खियों में है। वेटरन राजनेता नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के बारे में ऐसा बयान दिया जो राजनीतिक बिसात पर उम्मीदवारों को नए सिरे से सोचने पर विवश कर सकता है। Tejashwi Leadership in Bihar Elections को सीएम नीतीश कुमार की भविष्य की योजनाओं के स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
क्या ताज सौंपने की तैयारी में हैं CM नीतीश
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री ने अपने डिप्टी तेजस्वी यादव की भूमिका के बारे में बड़ा संकेत दिया। हालांकि, एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को पटना में महागठबंधन के विधायकों और एमएलसी के साथ एक बैठक के दौरान बोलते हुए, नीतीश कुमार ने तेजस्वी को 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए सीएम चेहरे के रूप में पेश तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने ये जरूर कहा कि तेजस्वी युवा नेता हैं और उनमें नेतृत्व की काबिलियत भी है।
नीतीश तेजस्वी यादव को विरासत सौंप सकते हैं
रिपोर्ट के बाद माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश ने हाल के दिनों में लग रही अटकलों को बल दिया है जिसमें उनके राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश की बातें हो रही हैं। नीतीश को पीएम पद का उम्मीदवार बताया जा रहा है। कभी लालू प्रसाद के कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश की मंगलवार की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि वे अब उनके पुत्र तेजस्वी यादव को विरासत सौंप सकते हैं।
नीतीश का मिशन- बीजेपी को हराना
नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) 2024 में उन्हें पीएम-फेस के रूप में खड़ा करना चाहती है, लेकिन जदयू ने यह भी कहा है कि नीतीश बिहार के सीएम या प्रधानमंत्री बनने की इच्छा नहीं रखते हैं। हालांकि, ये भी दिलचस्प है कि बीजेपी को पराजित करना नीतीश का मिशन बना हुआ है।
Bihar Elections Tejashwi की लीडरशिप में !
बिहार में विधायकों की बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने कहा, न तो मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार हूं और न ही मैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार हूं। मेरा लक्ष्य भाजपा को हराना है। उन्होंने दोहराया कि "तेजस्वी को प्रोत्साहित करना होगा"। उन्होंने Bihar Elections Tejashwi की लीडरशिप में लड़े जाने का संकेत देते हुए यह भी कहा, "हमारा विचार है कि इससे महागठबंधन को लाभ होगा जो भाजपा के प्रतिनिधित्व वाली सांप्रदायिक ताकतों से लड़ रहा है। तेजस्वी जी एक युवा और ऊर्जावान नेता हैं।"
कभी जमकर हुआ Tejashwi बनाम नीतीश
राजनीतिक बयान के बीच सियासत की समझ रखने वालों के अनुसार, विडम्बना यह भी है कि कभी दोनों नेता एक-दूसरे से आंख मिला कर बात नहीं करते थे और एक-दूसरे के घोर आलोचक थे। यहां तक कि तेजस्वी यादव ने नीतीश को 'थका हुआ और खर्चीला' नेता तक करार दिया था। तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश के रिटायर होने की जरूरत है।
नीतीश-तेजस्वी कड़वाहट भुलाकर साथ आए
करीब पांच साल पहले 2017 में दिखी नीतीश और तेजस्वी की कड़वाहट सतह पर आ गई थी जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया था। राजद का साथ छोड़ने के बाद नीतीश ने भाजपा के साथ अपने गठबंधन को पुनर्जीवित किया। हालांकि, 2022 के अगस्त में अचानक सब कुछ बदल गया जब दोनों ने फैसला किया कि 'जो हो गया उसे भुला कर भाजपा को हराने के लिए एक साथ आने का रास्ता चुनें।'