ओडिशा ने राज्य सिविल सेवा परीक्षा के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर की 38 वर्ष, मातृत्व अवकाश के दिनों को भी बढ़ाया
ओडिशा मंत्रिमंडल ने राज्य सिविल सेवा नियम, 1989 अधिनियम में संशोधन कर सरकार और राज्य सिविल सेवाओं में प्रवेश की ऊपरी सीमा को 32 वर्ष से बढ़ाकर 38 वर्ष कर दिया है।
भुवनेश्वर, 11 जनवरी। ओडिशा मंत्रिमंडल ने राज्य सिविल सेवा नियम, 1989 अधिनियम में संशोधन कर सरकार और राज्य सिविल सेवाओं में प्रवेश की ऊपरी सीमा को 32 वर्ष से बढ़ाकर 38 वर्ष कर दिया है। हालांकि यह प्रावधान केवल 2021 से 2023 तक किए गए विज्ञापनों पर लागू होगा। आयु सीमा में यह छूट केवल अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग, महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के मामले में लागू होगी।
एससी/एसटी/एसईबीसी वर्ग के लिए अब अधिकतम आयु सीमा 43 वर्ष हो गई है। सभी वर्ग की महिलाओं के लिए आयु सीमा 38 से 43 वर्ष कर दी गई है। सामान्य पीडब्ल्यूडी वर्ग के लिए 48 वर्ष, महिलाओं सहित एससी/एसटी/एसईबीसी पीडब्ल्यूडी वर्ग के लिए आयु सीमा 53 वर्ष की गई है। यह संशोधन कोरोना वायरस के कारण परीक्षा और भर्ती में हुई देरी को ध्यान में रखते हुए किया गया है। ओडिशा सरकार ने इस विषय पर एक बयान जारी कर कहा कि सरकार के संज्ञान में लाया गया है कि अपरिहार्य कारणों से भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। जिसकी वजह से कई परीक्षार्थियों की उम्र निकल गई और वे परीक्षा नहीं दे सके।
यह
भी
पढ़ें:
J&K
:
बडगाम
एनकाउंटर
में
मारे
गए
3
आतंकवादी,
तलाशी
अभियान
जारी
मातृत्व
अवकाश
के
तहत
अब
मिलेंगी
180
दिन
की
छुट्टियां
इसके
अलावा
मंगलवार
को,
ओडिशा
सरकार
ने
उच्च
शिक्षा
विभाग
के
तहत
सहायता
प्राप्त
कॉलेजों
की
महिला
कर्मचारियों
के
लिए
मातृत्व
अवकाश
के
लाभ
को
90
दिनों
से
बढ़ाकर
180
दिन
कर
दिया।
उच्च
शिक्षा
विभाग
के
अंतर्गत
कार्यरत
सभी
पात्र
महिलाएं
अवकाश
लाभ
प्राप्त
कर
सकती
हैं।
मातृत्व
लाभ
(संशोधन)
अधिनियम
2017
के
अनुसार,
मातृत्व
अवकाश
को
12
सप्ताह
से
बढ़ाकर
26
सप्ताह
कर
दिया
गया
है।
सरकार
ने
प्रसव
पूर्व
छुट्टी
को
भी
6
से
बढ़ाकर
8
सप्ताह
कर
दिया
है।
हालांकि
जिस
महिला
के
पहले
से
ही
दो
या
उससे
अधिक
बच्चे
हैं
उसे
मातृत्व
अवकाश
के
तहत
12
सप्ताह
की
ही
छुट्टियां
मिलेंगी
और
उसका
प्रसव
पूर्व
अवकास
भी
6
सप्ताह
रहेगा।