ओडिशा सरकार ने शारदा माइंस को 1,042 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कारण बताओ नोटिस किया जारी
राज्य सरकार ने शारदा माइंस प्राइवेट लिमिटेड (एसएमपीएल) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि स्वीकृत सीमा से अधिक खनन के लिए कंपनी से 1,042.3 करोड़ रुपये की वसूली क्यों न की जाए।
भुवनेश्वर, 1 जून। राज्य सरकार ने शारदा माइंस प्राइवेट लिमिटेड (एसएमपीएल) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि स्वीकृत सीमा से अधिक खनन के लिए कंपनी से 1,042.3 करोड़ रुपये की वसूली क्यों न की जाए। शुक्रवार को एसएमपीएल को नोटिस देते हुए, जोडा सर्कल की खान के संयुक्त निदेशक ने कहा, 'सत्यापन करने पर, यह देखा गया है कि आपने 2020-21 के दौरान 61,53,976 टन लौह अयस्क का उत्पादन किया है, जो कि स्वीकृत न्यूनतम सीमा 21,53,976 से अधिक है।'
नोटिस के अनुसार, कंपनी ने 1 फरवरी, 2020 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खनन ब्लॉक का संचालन फिर से शुरू किया, उसे 2020-21 के दौरान 40 लाख टन खदान की अनुमति दी गई थी लेकिन कंपनी ने 2020-21 के दौरान लगभग 61.54 लाख टन का लौह अयस्क निकाला जो तय सीमा से लगभग 21.54 लाख टन अधिक था जो खान और खनिज (विकास और विनियम) अधिनियम, 1957 के तहत कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन है।
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नोटिस में कहा गया है कि आपसे मुआवजे के रूप में लागत मूल्य 1042,30,89,864 रुपए क्यों न वसूल किया जाए, 7 दिनों में इसका जवाब दें। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा क्योंझर जिले के जोडा खनन सर्कल में ठकुरानी लौह अयस्क ब्लॉक-बी के लीजधारक एसएमपीएल को चार महीने के भीतर यह दूसरा नोटिस है। खान के संयुक्त निदेशक ने इस साल जनवरी में एसएमपीएल को पर्यावरण मंजूरी के बिना खनन कार्यों और क्षमता से अधिक खनिजों के उत्पादन के लिए एसएमपीएल को 2,056 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस दिया था।
सरकार ने 21 मई को सारदा माइंस को एमएमडीआर एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर ठकुरानी खदानों से लौह अयस्क का उत्पादन तुरंत बंद करने को कहा था। कंपनी को ठकुरानी खदानों (ब्लॉक-बी) से लौह अयस्क की खेप तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा गया है।