नेमावर हत्याकांड : कफन बांधकर भोपाल पहुंची भारती, बहन की लव स्टोरी ने खत्म किया था पूरा परिवार
भोपाल, 11 जनवरी। मध्य प्रदेश के देवास जिले का नेमावर हत्याकांड फिर सुर्खियों में है। छह माह पहले बेटी की प्रेमी ने पूरे परिवार का नरसंहार कर दिया था। इस आदिवासी में इकलौती जिंदा बची बेटी अब सिर पर कफन बांधकर न्याय के लिए भोपाल पहुंची है।
भारती कास्डे की न्याय यात्रा
दरअसल, देवास जिले के नेमावर के आदिवासी परिवार में मां, दो बहन व ममेरे भाई और ममेरे बहन की हत्या कर शव दफनाने के मामले में बेटी भारती कास्डे ने न्याय यात्रा निकालीी। एक जनवरी को नेमावर से शुरू हुई यात्रा 11वें दिन भोपाल पहुंची।
राज्यपाल नहीं मिले, दस दिन बाद फिर आएंगे
भारती के ताऊ संजय डांगरे ने बताया कि शिवराज सिंह चौहान ने सीबीआई जांच की सिफारिश की तो कर दी, मगर न्याय अभी तक नहीं मिला। इसलिए नेमावर से आदिवासी समुदाय भोपाल पहुंचा था, मगर कोरोना महामारी के चलते राज्यपाल उनसे नहीं मिले। ऐसे में वे दस दिन बाद दुबारा भोपाल आएंगे।
न्याय नहीं मिलने तक करेंगी संघर्ष
मीडिया से बातचीत में भारती कास्डे ने कहा कि यह मात्र एक पड़ाव है, पूरा न्याय अभी बाकी है। आज वे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्यपाल से मिलने आई हैं। वह न्याय मिलने तक संघर्ष करती रहेगी।
13 मई को लापता हुईं मां व बहनें
दरअसल, नेमावर निवासी भारती की मां ममता, बहन रुपाली व पूजा, ममेरी बहन दिव्या और ममेरा भाई पवन 13 मई 2021 को अचानक लापता हो गए थे। उन्हें खूब तलाश मगर कोई सुराग नहीं लगा।
29 जून को खेत में दफन मिले शव
बाद में मुखबिर की सूचना पर 29 जून को पुलिस ने एक खेत से खुदाई करवाकर पांचों के शव बरामद किए। शव दस फीट गहरा गडढा खोदकर दफन किए गए थे। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मामले में सीबीआई जांच करवा रही है।
क्यों हुआ नेमावर हत्याकांड?
नेमावर हत्याकांड की वजह बना भारती की बहन रूपाली का प्रेम प्रसंग। 21 वर्षीय रूपाली व सुरेंद्र ठाकुर का प्रेम प्रसंग चल रहा था। गांव में इस प्रेम कहानी की चर्चा होने लगी तो रूपाली हरदा में एक निजी कंपनी में काम करने लगी। वहां पर किराए का रूम लेकर रहती थी। सुरेंद्र मिलने आता रहता था। वह आस-पास के लोगों को सुरेंद्र को पति बताती थी।
रूपाली ने प्रेमी की मंगेतर पर कमेंट
इधर, सुरेंद्र के घरवालों ने उसका सिहोर में रिश्ता तय कर दिया। इस बात का पता लगने पर रूपाली पर शादी के लिए दबाव बनाया। सुरेंद्र ठाकुर खामोश रहा तो रूपाली ने सोशल मीडिया पर सुरेंद्र की मंगेतर पर कमेंट कर डाला।
इनके साथ मिलकर की वारदात
रूपाली की तरफ से शादी के लिए दबाव बढ़ने पर सुरेंद्र ने उसे रास्ते हटाने की योजना बनाई और रूपाली, उसकी मां ममता, बहन दिव्या, ममेरी बहन पूजा व ममेरे भाई पवन को मामले में बात करने के लिए बुलाया और फिर सबको जान से मार डाला। दो भाई, नौकरों और दोस्तों की मदद से शव खेत में दफन कर दिए।
भारती कैसे बची जिंदा?
दरअसल, रूपाली की सगी बहन भारती पीथमपुर की एक फैक्ट्री में काम करती थी। वह वारदात के समय गांव में नहीं थी। इसलिए जिंदा बच गई। वह मोबाइल पर रोज अपनी मां से बात किया करती थी। जब उसने फोन किया तो कोई जवाब नहीं आया।
सुरेंद्र ने देने लगा मैसेज का जवाब
मां से फोन पर बात नहीं हुई तो भारती ने बहन रूपाली को मैसेज किए, जिनके जवाब सुरेंद्र देता था और कहता था कि रूपाली ने उससे शादी कर ली। अब उनका परिवार उसके साथ ही रह रहा है, लेकिन भारती की उसकी मां व बहनों से बात करवाने में आना-कानी करता रहा।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की
भारती को सुरेंद्र की बातों पर शक होने के कारण वह 13 मई को अपने नेमावर पहुंची और 18 मई को पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। फिर पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो भारती ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो पुलिस हरकत में आई और पांच टीमों का गठन किया। रूपाली के मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने सुरेंद्र के साथ मनोज को पकड़ा। उसने पहले तो पुलिस को गुमराह किया, मगर फिर सख्ती बरतने पर सच उगल दिया और नेमावर नरसंहार की खौफनाक कहानी सामने आ गई।
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