Maihar Devi Temple: मां शारदा के आसपास स्थित 10 खूबसूरत जगह, स्वर्ग से कम नहीं
सतना, 26 सितंबर। मैहर मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है, पवित्र नगरी मैहर मंदिर मध्यप्रदेश के सतना जिला में स्थित भारत का एक मात्र माता मां शारदा देवी का यह मंदिर बिंध्य क्षेत्र में 555 फिट ऊँचे त्रिकूट पर्वत में स्थित है। तो आइये जानते है कि मैहर में मां शारदा मंदिर के आसपास कौन सी खूबसूरत जगहें है जहा आप घूमने के लिए पहुंच सकते है।
मैहर में घूमने की जगह
सतना जिले में स्थित मैहर शारदा माता का मंदिर पुरे विश्व में में काफी प्रसिद्ध है, त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर माता का मंदिर स्थित है। मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इसके अलावा मां शारदा के दर्शन के लिए रोपवे की मदद से भी पहुंचा जा सकता हैं।
त्रिकूट पर्वत पर शारदा माता विराजमान हैं। इसके साथ ही मंदिर के परिसर में और भी देवी देवता स्थापित हैं, जिनके दर्शन कर सकते हैं। त्रिकूट पर्वत पर स्थित मैहर मंदिर के चारों तरफ के दृश्य में खूबसूरत पहाड़ देखने को मिलता है।
सती का गिरा था हार
यहां की मान्यता है कि सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां-वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया, ऐसे ही 51 शक्तिपीठों में 1 मां शारदा का पावन धाम सतना जिले के मैहर में त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर सती का हार गिरा था।
नीलकंठ मंदिर और आश्रम
मैहर क्षेत्र में स्थित नीलकंठ मंदिर और आश्रम एक खूबसूरत दर्शन स्थल है। मैहर से करीब 16 से 17 किलोमीटर दूर आप यहां पर घूमने जा सकते है। यहां पर भगवान श्री राधे कृष्ण जी के मंदिर में दर्शन करने को मिलता है। नीलकंड महाराज जी ने नीलकंठ आश्रम में तपस्या की थी। बारिश ऋतु में यहां पर झरने भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही खूबसूरत नजारा रहता है।
आल्हा -उदल तलैया और अखाड़ा
मैहर त्रिकूट पर्वत के नीचे स्थित एक प्रसिद्ध जगह आल्हा-उदल तलैया के पास मंदिर है जो कि यह जंगल के बीच में स्थित है। यहां पर एक तलैया भी है, जहां पर खूबसूरत कमल के फूल देखने की मिलते हैं। यहां पर पिकनिक मनाने के लिए अच्छा स्पॉट हैं।
मां शारदा देवी मंदिर के त्रिकूट पर्वत से आल्हा उदल का अखाड़ा दिखता भी है। मान्यता है कि जब रात्रि में शारदा माता का मंदिर का पट बंद हो जाता है तब सुबह में सबसे पहले वहां पर आज भी दो वीर योद्धा आल्हा एवं उदल अदृष्य होकर मां शारदा की पूजा करने के लिए आते हैं और पंडित के पहले ही मंदिर में पूजा पाठ करके चले जाते हैं।
मान्यता है कि आल्हा-उदल ने ही कभी घने पहाड़ वाले इस पर्वत पर मां शारदा के इस पावन धाम की न सिर्फ खोज की, बल्कि 12 वर्षों तक कड़ी तपस्या करके माता से अमरत्व का वरदान प्राप्त किया था।
बड़ी खेरमाई मंदिर
मैहर
में
घूमने
के
लिए
बड़ी
खेरमाई
मंदिर
भी
1
अच्छा
मंदिर
है
और
बड़ी
खेरमाई
मंदिर
के
बारे
में
यह
भी
मान्यता
हैं
कि
यह
शारदा
माता
की
बड़ी
बहन
है
और
मैहर
में
शारदा
माता
के
दर्शन
करने
के
बाद
इनके
दर्शन
भी
जरूर
करनी
चाहिए।
यहां
पर
दर्शन
करने
के
लिए
विराट
भगवानों
के
मंदिर
देखने
के
लिए
मिलते
है
इसके
साथ
ही
यहां
पर
एक
प्राचीन
बावली
भी
आपको
देखने
के
लिए
मिलता
है।
सतना रोड में स्थित ओइला मंदिर
यह मन्दिर मैहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह सतना रोड स्थित ओइला मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है। यहां पर दुर्गा जी की बहुत ही भव्य प्रतिमा है और इसके साथ ही यहां पर आपको गणेश जी के दर्शन भी करने के लिए और यहां पर शिवलिंग भी विराजमान है।
बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर
यहां पर एक बहुत बड़ा शिवलिंग है जो कि मंदिर की छत पर बना हुआ है, बड़ा अखाड़ा मैहर के प्रमुख स्थानों में से एक है, इसके साथ ही मंदिर के अंदर 108 शिवलिंग विराजमान है। यहां पर मंदिर के गर्भ गृह में मुख्य शिवलिंग भी देखने के लिए मिल जाएगा। साथ ही मंदिर में आप यहां आश्रम भी घूम सकते है, जहां पर छात्रों को शिक्षा दी जाति है।
केजीएस मंदिर या इच्छापूर्ति मंदिर
केजेएस फैक्ट्री स्थित दुर्गा जी को समर्पित इस मंदिर में स्फटिक शिवलिंग, गणेश जी और हनुमान जी, लक्ष्मी जी और श्री राम जी के भी दर्शन करने के लिए मिल जाएंगे। इस मंदिर को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। इसके साथ ही इस मंदिर में खूबसूरत नक्काशी देखने को मिलती है।
चारों तरफ खूबसूरत यह मन्दिर बगीचों से घिरा हुआ है। और रात के समय में मंदिर खूबसूरत लाइटों से जगमगाता रहता है। इसके साथ ही एक खूबसूरत फवारा मंदिर के बाहर देखने के लिए मिल जाएगा।
पन्नीखोह जलप्रपात मैहर
यह जलप्रपात जंगल में स्थित है और यहां पर आप घूमने के लिए वर्षा ऋतु के समय जा सकते हैं। पन्नी जलप्रपात मैहर में स्थित एक अच्छी जगह है। इस जलप्रपात में जाने के लिए आपको पैदल जाना पड़ता है, क्योंकि यहां पर जाने के लिए रोड मार्ग नहीं है।
पन्नीखोह जलप्रपात
वहां से यह जलप्रपात करीब 3 से 4 किलोमीटर दूर पड़ेगा। यहां पर जाकर आपको बहुत अच्छा लगेगा।आप इस जलप्रपात में आल्हा उदल मंदिर से जा सकते हैं।
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