11 साल के बच्चे की आत्महत्या के बाद ऑनलाइन गेमिंग को लेकर कानून लाएगी मध्य प्रदेश सरकार
भोपाल। भोपाल में 11 साल के बच्चे द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना के बाद ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार कानून लाएगी। यह ऐलान मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया है। गृह मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन मोबाइल गेम की लत के कारण भोपाल में एक 11 वर्षीय लड़के द्वारा कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने के घटना के बाद राज्य सरकार ऑनलाइन गेम को नियंत्रित करने के लिए एक अधिनियम लाएगी।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा, "ऑनलाइन गेम एक गंभीर मुद्दा है। ऐसी दुखद घटना को रोकने के लिए, हम मध्य प्रदेश में ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए एक अधिनियम ला रहे हैं, जिसका मसौदा तैयार किया गया है और हम जल्द ही इसे अंतिम रूप देंगे।"
इससे पहले बुधवार को, पुलिस ने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा था, मध्य प्रदेश के भोपाल में एक 11 वर्षीय लड़के ने अपने घर की छत पर पंचिंग बैग की रस्सी से लटककर आत्महत्या कर ली। भोपाल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सचिन अतुलकर ने कहा, "एक नाबालिग ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली और वह अपने आवास पर मृत पाया गया। उसके माता-पिता के अनुसार, नाबालिग ने उनकी अनुमति के बिना एक ऑनलाइन गेम पर लगभग 6,000 रुपये खर्च किए। माता-पिता ने एक बार ऐप को हटा भी दिया था। मगर..लड़का नहीं माना। यह खेल उसकी मौत के साथ ही खत्म हुआ। इस मामले में हमारी जांच चल रही है।"
ध्यान देने वाली एक बात यह भी है कि, पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस के अनुसार शंकराचार्य नगर बजरिया निवासी सूर्यांश ओझा 5वीं कक्षा का छात्र था। सूर्यांश के पिता योगेश ओझा ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा ऑनलाइन गेम का आदी था। बताया जा रहा है कि, बुधवार दोपहर को, सूर्यांश दूसरी मंजिल के कमरे में चचेरे भाई आयुष के साथ टीवी पर एक फिल्म देख रहा था। कुछ मिनट बाद, आयुष ने सूर्यांश को अकेला छोड़ दिया और नीचे चला गया।
कुछ समय बाद, सूर्यांश के चचेरे भाई इमारत की छत पर वापस गए और उन्होंने पाया वह पंचिंग बैग टांगने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रस्सी से लटक रहा था। जहां से परिजन उसे तुरंत निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर ने चेकिंग के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।