हमारा लक्ष्य अगले 5 साल में MP हो 'धूलमुक्त', पूरे प्रदेश में लागू करेंगे 'इंदौर मॉडल'-जयवर्धन
Bhopal News भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने भोपाल में 1995 के मास्टर प्लान के स्थान पर नया मास्टर प्लान अक्टूबर-नवंबर में लाने का दावा किया है। साथ ही कहा कि बड़ी झील के कैचमेंट एरिया का मास्टर प्लान में विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। मास्टर प्लान पर जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से काम किया जा रहा है। उन्होंने इंदौर के लगातार तीसरी बार देश का सबसे साफ शहर बनने पर मप्र में 'इंदौर मॉडल" लागू करने की बात भी कही।
जयवर्धन सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में यह जानकारी दी। नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल बनने के बाद 70 दिन में सरकार ने विधानसभा चुनाव 2018 में किए गए वचनों में से 83 पूरे कर दिए हैं। उन्होंने इसमें विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि शहरी बेरोजगारों के लिए युवा स्वाभिमान योजना को बताया। इसमें अब तक ढाई लाख युवाओं का पंजीयन हो चुका है और करीब 20 हजार ने ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है।
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इंदौर की खान नदी का सौंदर्यीकरण
मंत्री ने कहा कि नगरीय विकास और आवास विभाग ने इंदौर की 163 अवैध कॉलोनियों को वैध किया है, जिनमें करीब 50 हजार परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। घर होने के बाद भी बैंक से ऋण सुविधा नहीं ले पा रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल्द ही अन्य अवैध कॉलोनियों को भी वैध किया जाएगा, लेकिन वे ऐसी कॉलोनियां होनी चाहिए, जिनमें 90 फीसदी मकान बन गए हों। इंदौर की खान नदी का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है। यहां पाथवे और पार्किंग स्थल विकसित किए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में उज्जैन के महाकाल मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए भी दिए हैं।
328 शहरों में सीवेज नेटवर्क नहीं
जयवर्धन सिंह ने पत्रकारों के सामने स्वीकार किया कि प्रदेश के 328 शहरों में सीवेज नेटवर्क नहीं है। अभी 34 शहरों में अमृत योजना के तहत सीवेज नेटवर्क बिछाया जा रहा है। कुछ अन्य शहरों में भी सीवेज नेटवर्क का अलग-अलग काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी शहरों को धूलमुक्त करने की योजना पर भी काम चल रहा है। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में अफोर्डेबल हाउसिंग योजना के लिए बनाए आवास आधे-अधूरे पड़े हैं। इसकी समीक्षा की जा रही है।