India's First VVIP Tree : इस पेड़ पर सरकार खर्च करती है हर साल ₹ 12 लाख, 24 घंटे पहरा देते हैं सुरक्षाकर्मी
भोपाल, 4 जून। क्या आपने कभी सोचा है कि कोई पेड़ भी वीवीआईपी हो सकता है। उसकी देखभाल पर हर साल लाखों रुपए खर्च होते हो और 24 घंटे सुरक्षाकर्मी उसके लिए तैनात रहते हो। बात भले ही अजीब लग रही हो, मगर देश में ऐसा भी एक पेड़ है।
आज विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर आइए जानते हैं भारत के पहले वीवीआईपी पेड़ के बारे में। आखिर इस पेड़ को वीवीआईपी का दर्जा क्यों प्राप्त है और इसका क्या महत्व है।
सांची बौद्ध परिसर के पास है वीवीआईपी पेड़
देश में वीवीआईपी ट्री के नाम से पहचान बना चुका यह पेड़ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल व विदिशा के बीच यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सांची बौद्ध परिसर से पांच किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। इसे सभी बोधिवृक्ष के नाम से जानते हैं। बौद्ध अनुयाइयों के लिए यह पेड़ बेहद श्रद्धा और आस्था का केंद्र है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने लगाया था पौधा
बता दें कि 21 सितंबर 2012 को सांची में बौद्ध यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने के लिए श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे आए थे। राजपक्षे ने पीपल का यह पौधा लगाया था, जो अब नौ साल का हो चुका है। यह पेड़ इसलिए भी खास है कि भगवान गौतम बुद्ध ने जिस पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर बौधित्व को प्राप्त किया था। उसे बौद्ध धर्म में बोधि वृक्ष कहा जाता है। यह पौधा बिहार के बौद्धगया से लाया गया था।
इन विभागों को सौंपी पौधे की जिम्मेदारी
बता दें कि इस पौधे के लगाने के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार इसकी देखभाल करती है। इसमें नियमित पानी, खाद व सुरक्षा की जिम्मेदारी उद्यानिकी विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग और सांची नगर परिषद को सौंपी गई है।
15 फीट ऊंची जालियों लगाकर सुरक्षा
सुरक्षा की दृष्टि से इस पेड़ के चारों तरफ 15 फीट ऊंची जालियां लगाई गई हैं। प्रशासन के यह विभाग अपने-अपने स्तर पर जिम्मेदारी निभाते हैं। 24 घंटे सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहते हैं। हर साल सरकार इस पेड़ को सहेजने के लिए 12 लाख से अधिक खर्च करती है।
किले के ऊपर ॐ की आकृति देख लोग बोले- चमत्कार!, बाद में सच्चाई निकली कुछ और