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Seoni News : सिवनी जिले की तहसील कर्मचारी का कारनामा, 279 जिंदा लोगों को मृत बताकर ₹11 करोड़ का किया घोटाला

सिवनी जिले में सांप काटने बिजली गिरने और नदी तालाब के पानी में डूबने से फर्जी मौत बताकर 269 जिंदा लोगों को मुर्दा बता दिया गया। इसके बाद प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत दी जाने वाली ₹4 लाख की सहायता के फर्जी केस तैयार कर 11.16

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सिवनी जिले में सांप काटने बिजली गिरने और नदी तालाब के पानी में डूबने से फर्जी मौत बताकर 279 जिंदा लोगों को मुर्दा बता दिया गया। इसके बाद प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत दी जाने वाली ₹4 लाख की सहायता के फर्जी केस तैयार कर ₹11.16 करोड़ों पर इन फर्जी मृतकों के परिजनों के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। प्रारंभिक जांच में आठ अलग-अलग बैंकों के 40 हाथों में यह राशि ट्रांसफर होना पाई गई है और इसकी संख्या बढ़ सकती है। इस घोटाले में पुलिस ने तहसील कर्मचारी के विरुद्ध केस दर्ज किया है और जिन लोगों के खाते में राशि ट्रांसफर की गई है,उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। प्रकृतिक आपदा के बदले दी जाने वाली मदद में यह बड़ा घोटाला सामने आने के बाद जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं।

MP: 279 जिंदा लोगों को मृत बताकर ₹11 करोड़ का किया घोटाला

करोड़ों रुपए की फर्जी भुगतान का यह मामला सिवनी जिले के केवलारी तहसील के कार्यालय का है जहां के कर्मचारी सचिन दहायत को इसका सरगना बताया जा रहा है। सचिन नायब नाजिर के रूप में काम करता था उसके कारनामों की पोल खुलने के बाद से वह फरार है। लेकिन पूरे घटनाक्रम में तहसीलदार एसडीएम और अपर कलेक्टर स्तर तक के अफसरों पर जांच की आज आना तय है। शासन द्वारा प्राकृतिक आपदा से होने वाली मौतों के मामले में राशि मंजूर करने का अधिकार कलेक्टर को दिए गए हैं और कलेक्टर आमतौर पर इसके अधिकार अपर कलेक्टर को देकर रखते हैं। ऐसे में 11.16 करोड़ रुपए इतनी अधिक संख्या में जिंदा लोगों को मृत बताकर ट्रांसफर कर लिए गए और समीक्षा में इसका खुलासा 2 साल बाद हुआ है तो अफसरों की कार्यशैली संदेह के घेरे में है।

ऐसे किया फर्जी मृतकों के नाम पर भुगतान

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू ने यह रकम उन लोगों के खातों में डाली जो पात्र नहीं थे। बताया गया कि आर्थिक सहायता के रूप में दी जाने वाली राहत राशि के फर्जी प्रकरण तैयार कर वे दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर देता था। यह काम पिछले 2 साल से वर्ष 2020 से कर रहा था जांच में खुलासा हुआ है कि एक व्यक्ति के खाते में उसने 4 से 5 बार तक राशि ट्रांसफर कराई है।

एसडीएम की फर्जी साइन, बर्खास्तगी की तैयारी

तहसीलदार केवलारी हरीश लालवानी ने इस पूरे मामले की जांच की है ललवाणी के अनुसार सचिन दहायत के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर राहत स्वीकृति के लिए अधिकृत एसडीएम केवलारी के कंप्यूटरीकृत हस्ताक्षर को फर्जी तौर पर यूज कर यह काम किया गया है, क्योंकि हर बार साइन करने पर कुछ ना कुछ अतिरिक्त लाइन बिक जाती है। जांच में पता चला है कि 27 मार्च 2020 से उसके द्वारा इस तरह का फर्जी पेमेंट किया गया है। अब उसके विरूद्ध विभागीय जांच कर बर्खास्तगी के लिए फाइल पुटअप किए जाने की तैयारी है।

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English summary
act of Seoni Kevalari employee, scammed 11 crore by telling 279 living people as dead
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