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सतना कांग्रेस में बगावत का विस्फोट: पूर्व मंत्री ने हाथ छोड़ा, हाथी पर सवार, BSP से लड़ेंगे महापौर का चुनाव

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सतना, 16 जून: कांग्रेस में सुलग रहा असंतोष बुधवार की देर रात बगावत का बिस्कुट बनकर फट पड़ा है। परंपरागत कांग्रेसी पूर्व मंत्री सईद अहमद ने महापौर की टिकट न मिलने से आखिरकार पार्टी छोड़ दी। साथ ही उन्होंने रात में ही बहुजन समाजवादी पार्टी में शामिल होने की घोषणा भी कर दी। इस दौरान बीएसपी के भोपाल से आए पदाधिकारी भी उनके आवास पर मौजूद रहे। उनके अलावा कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष और महापौर के दावेदार गैंदलाल भाई, नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष वरिष्ठ पार्षद कुदरतउल्ला बेग ने भी कांग्रेस छोड़ बीएसपी की सदस्यता ले ली।

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सतना कांग्रेस में बगावत का विस्फोट: पूर्व मंत्री ने हाथ छोड़ा, हाथी पर सवार
Satna Congress neta

एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत दरकिनार

महापौर चुनाव को लेकर इस बार शुरू से ही कांग्रेस में फूट दिख रही थी। कमलनाथ ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर भरोसा जताते हुए उन्हें कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी घोषित किया, उसके साथ ही असंतोष फूट पड़ा। बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही सईद अहमद ने इस स्थिति का जिम्मेदार सीधे-सीधे कमलनाथ को बताया। कहा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जयपुर चिंतन शिविर में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत तय किया गया था। मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने इसको ताक पर रख दिया। पहले से विधायक पद धारित करने वाले व्यक्ति को महापौर का टिकट तो दिया ही, साथ ही उन्हें पिछड़ा वर्ग विभाग का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। हमने कमलनाथ से टिकट मांगा था और जनता सहित लोगों का समर्थन था, लेकिन इतने साल की पार्टी की सेवा और निष्ठा को दरकिनार कर दिया गया। बता दें कि पूर्व मंत्री सईद अहमद वैरिस्टर गुलशेर अहमद के बेटे हैं। ये कांग्रेस के बड़े नेता था। पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं।

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फर्जी सर्वे कराया कमलनाथ ने

सईद और गेंदलाल भाई ने कहा कि कमलनाथ ने एक फर्जी सर्वे का हवाला देकर हमें टिकट से वंचित कर दिया। कुछ चिह्नित लोगों का नाम शामिल कर यह खेल किया गया। यह तो शुरुआत है। कांग्रेस के कई लोग अभी संपर्क में है। जल्द ही वे भी हमारे साथ आएंगे। भाजपा के भी कुछ लोगों के हम संपर्क में हैं। उनका भी सहयोग मिलेगा।

चतुष्कोणीय मुकाबला

सईद के बसपा का दामन थामने के बाद से महापौरी की सियासी गणित गड़बड़ा गया है। राजनीतिक विश्लेषक चतुष्कोणीय मुकाबला बता रहे। सईद के आने के बाद कांग्रेस का बड़ा मुस्लिम वोट बैंक विभाजित होगा। कांग्रेस को एससी वर्ग से भी नुकसान होगा। गेंदलाल पटेल के आने के बाद पटेल समुदाय भी विभाजित हो सकता है। इसका असर यह होगा कि सिद्धार्थ कुशवाहा के पास बसपा सिंबल का जो बड़ा बोट बैंक था वह अब वापस बसपा में खिसक सकता है। अंदरूनी तौर पर भाजपा का असंतुष्ट खेमा भी इधर मदद कर सकता है। इधर, आप भी जल्द ही अपना प्रत्याशी घोषित कर माहौल बना सकती है।

भाजपा नेता का दर्द: 30 साल से दरी हम बिछा रहे हैं और बैठा किसी और को देते हैं

इधर, भाजपा में भी असंतोष कम होने का नाम नहीं ले रहा। सोहावल जनपद पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष व भाजपा नेता अरविंद सिंह पप्पू ने भाजपा के महापौर प्रत्याशी के चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक व्यक्ति को दो-दो पद दिए जा रहे हैं। यह कहां का न्याय है। पार्टी के लिए दरी बिछाते में तीन पीढ़ियां गुजर गईं, लेकिन पार्टी में आज तक कोई बड़ा दायित्व नहीं मिला। मैं 30 साल से स्वयं पार्टी की सेवा कर रहा हूं, लेकिन न मुझे जिला सगठन में कोई पद मिला और न प्रदेश संगठन में जगह मिली। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से पूछना चाहता हूं कि क्या भाजपा में कार्यकर्ताओं का दयित्व सिर्फ दरी बिछाने तक सीमित है। क्यों उन्हें उस दरी में बैठने का अधिकार नहीं है। पप्पू ने कहा कि जब पार्टी समर्पित कार्यकर्ताओं को ठेंगा दिखा रही है, तो अब कार्यकर्ता भी पार्टी को ठेंगा दिखाएगे। सोशल मीडिया में अपना बयान जारी करते हुए अरविंद सिंह ने पार्टी छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है।

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English summary
Explosion of rebellion in Satna Congress: Former minister left his hand, riding on an elephant, mayor will fight with BSP
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