बिजली का बिल अपडेट करने के नाम पर साइबर ठगी, पहले कराया ऐप डाउनलोड, फिर उड़ा दिए ₹13 लाख
साइबर ठग ने अपने आप को MPEB का अधिकारी बताकर वन विभाग से रिटायर्ड अफसर के बैंक खाते से 13 लाख रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए।
भोपाल,13 अगस्त। राजधानी में ऑनलाइन ठगी का चोंका देने वाला वाला मामला सामने आया है। साइबर ठग ने अपने आप को MPEB का अधिकारी बताकर वन विभाग से रिटायर्ड अफसर के बैंक खाते से 13 लाख रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। खाते से पैसे निकालने का मैसेज आते ही रिटायर्ड अफसर ने तुरंत ही बैंक को फोन किया इसमें ₹10 लाख बचा लिए गए। जबकि ₹3 लाख साइबर क्रिमिनल ने निकाल लिए। आरोपी ने ठगी करने के बाद एमपीईबी के सॉफ्टवेयर में बिजली बिल अपडेट करने का झांसा दिया। फिर मोबाइल में एक एप्लीकेशन डाउनलोड करा कर दो मिनट के अंदर उनके 13 लाख रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए।
एनीडेस्क रिमोट एप कराया डाउनलोड
साइबर ठग ने बिजली का बिल अपडेट करने के नाम पर रिटायर्ड ऑफिसर को फोन लगाकर कहा कि आप अपने मोबाइल में एनीडेक्स रिमोट ऐप डाउनलोड कर लीजिए इससे आपका बिजली का बिल अपडेट हो जाएगा। जैसे रिटायर्ड ऑफिसर ने अपने मोबाइल में एनीडेक्स रिमोट ऐप डाउनलोड किया उसके 2 मिनट के बाद उनके खाते से ₹13 लाख रुपये साइबर ठग ने अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। मैसेज आने पर रिटायर्ड ऑफिसर ने तुरंत बैंक को इसकी सूचना दी और ₹10 लाख बचा लिए।
ठग ने अपने आपको बताया बिजली अधिकारी
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि बावड़िया कला के रहने वाले के सबसे वन विभाग से रिटायर्ड ऑफिसर है। 30 जुलाई को उनके पास अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वे MPEB से c बोल रहा है। उसने बताया कि आपका बिल जमा नहीं हुआ है और अगर बिल जमा नहीं किया तो रात को 9 बजे तक आपका कनेक्शन कट जाएगा। रिटायर्ड ऑफिसर केशव सिंह ने उसे बताया कि उनका बिल जमा है। उन्होंने उसे व्हाट्सएप से ₹10 हजार 426 बिजली बिल जमा करने की रसीद भी भेजी।
ऐप डाउनलोड करने के लिए बनाया दबाव
बिल की रसीद भेजने के थोड़ी देर बाद जालसाज ने फिर फोन किया और वह बोला कि हमारे सीनियर आपसे बात करेंगे सीनियर ने उन्हें बताया कि उनका बिल जमा हो चुका है, लेकिन सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ है इसलिए आप अपने मोबाइल में एनी डेस्क रिमोट एप्लीकेशन डाउनलोड कर ले। केशव सिंह ने डाउनलोड करने से मना कर दिया था, लेकिन साइबर ठग डाउनलोड कराने के लिए लिए बार-बार उन पर दबाव बना रहे थे और उन्होंने इस एप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड कर लिया। इसके बाद एक कोड आया और जालसाज ने उनसे वो कोड पूछा और अपने खाते में ₹1 ट्रांसफर करवा लिए, लेकिन इसके 2 मिनट के अंदर ही उनके खाते से तेरा लाख रुपए ट्रांसफर हो गए। केशव सिंह को जैसे ही शक हुआ उन्होंने तुरंत बैंक को इसकी सूचना दी। इसके बाद बैंक ने 10 लाख रूपए के ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी, जबकि ₹3 लाख वाले दूसरे ट्रांजेक्शन का पैसा नहीं बचा पाए
बरतें ये सावधानियां
क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी शैलेंद्र सिंह चौहान मैं ऑनलाइन बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं से अपील की है किसी भी अज्ञात नंबर को अपने बैंक खाते की जानकारी ना दें। किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें। दिल से जुड़ी परेशानियों को लेकर बिजली विभाग से जारी टोल फ्री नंबर पर ही संपर्क करें। यदि संपर्क नहीं हो पा रहा है तो जल्दबाजी नहीं करें। बिजली विभाग के ऑफिस जाकर अपनी समस्या बताएं।