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विश्व दुग्ध दिवस पर विशेष-चंबल में बनता है सफेद जहर

चंबल के भिंड-मुरैना में तैयार होता है दूध के नाम पर सफेद जहर, यूरिया केमिकल समेत रिफाइंड का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है ये सफेद जहर।

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भिंड, 1 जून। चंबल अंचल में दूध के नाम पर सफेद जहर तैयार करने का कारोबार बदस्तूर जारी है। यहां इलाके में अलग-अलग स्थानों पर बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध तैयार किया जाता है और उसे शहर की दूध डेयरी समेत दूध का कारोबार करने वाली फैक्ट्रियों में भी सप्लाई किया जाता है।

milk
चंबल के भिंड और मुरैना में सबसे अधिक मिलावटी दूध बनाने का कारोबार किया जाता है। केमिकल, यूरिया और रिफाइंड का इस्तेमाल कर दूध के नाम पर सफेद जहर तैयार किया जाता है। इस मिलावटी दूध को पीकर आदमी का शरीर बलिष्ठ बनने की वजह बीमारियों का घर बन जाता है।
नकली दूध बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री
नकली दूध बनाने में यूरिया, शैंपू, रिफाइंड ऑयल और कपड़े धोने के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। यह ऐसे खतरनाक पदार्थ है जिन्हें खाने के बाद आदमी ताकतवर नहीं बल्कि बीमार बनने लगता है। कोई भी व्यक्ति इस सफेद जहर को पीकर अपनी सेहत खतरे में डाल सकता है।
ऐसे बनाते हैं मिलावटी दूध
मिलावटी दूध तैयार करने के लिए सबसे पहले पानी में कपड़े धोने का केमिकल मिलाया जाता है। पानी में केमिकल मिलाने के बाद इस घोल में रिफाइंड ऑयल को भी मिक्स कर दिया जाता है और इसे तकरीबन 10 मिनट तक फेंटा जाता है। धीरे धीरे पानी में रंग बदलना शुरू हो जाता है और पानी सफेद हो जाता है। इसके साथ ही उसमें झाग आना भी शुरू हो जाता है। मिलावटी दूध तैयार करने के लिए उसमें थोड़ा सा असली दूध भी मिला जाता है फिर इसे अच्छी तरह से कुछ देर तक मिक्स किया जाता है। जब यह घोल तैयार हो जाता है तो इसमें मात्रा के हिसाब से पानी मिला दिया जाता है। इसी घोल में यूरिया, केमिकल और शैंपू का भी इस्तेमाल होता है और इसके बाद तैयार हो जाता है एक ऐसा दूध जो देखने में बिल्कुल दूध की तरह ही है लेकिन असल में यह सफेद जहर है।
चंबल इलाके में बड़े पैमाने पर होता है कारोबार
चंबल के भिंड और मुरैना जिले के ग्रामीण अंचल में नकली यानी मिलावटी दूध बनाने का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जाता है। छोटे-छोटे गांव में इस कारोबार को करने वाले लोग दूध के नाम पर सफेद जहर सप्लाई कर रहे हैं। मिलावटी दूध तैयार करने वाले ग्रामीण बताते हैं कि वे इस दूध को शहर में स्थित दूध डेयरी पर सप्लाई करते हैं और कई ग्रामीण तो ऐसे हैं जो दूध और घी का कारोबार करने वाली फैक्ट्रियों में इस मिलावटी दूध को सप्लाई करते हैं।
जांच में भी नकली दूध की नहीं हो पाती है पहचान
मिलावटी दूध तैयार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि उनका दूध तैयार करने का तरीका ऐसा होता है कि असली और मिलावटी दूध में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक की जांच में भी मिलावटी दूध का पता नहीं चल पाता है और इसी बात का फायदा सफेद जहर का कारोबार करने वाले लोग उठाते हैं।
मिलावटी दूध पीने से हो जाती हैं कई तरह की गंभीर बीमारियां
डॉक्टर बताते हैं कि मिलावटी दूध पीने से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। यह मिलावटी दूध किडनी और लीवर समेत पेट की आंतों पर भी बहुत बुरा असर डालता है। शैंपू, केमिकल और यूरिया युक्त दूध को पीने से धीरे-धीरे पेट का सिस्टम भी गड़बड़ा जाता है और लोग गंभीर बीमारी की चपेट में भी आ जाते हैं।
समय-समय पर की जाती है कार्रवाई लेकिन नहीं रुकता ही अवैध कारोबार
समय-समय पर जिला प्रशासन, फूड विभाग और पुलिस की टीम लगातार मिलावटी दूध का कारोबार करने वाले लोगों पर कार्रवाई करते हैं बावजूद इसके मिलावटी दूध का धंधा बंद नहीं हो सका है। मिलावटी दूध का धंधा करने वाले लोग लगातार इस सफेद जहर को तैयार करके सप्लाई करने का काम कर रहे हैं। पैसों के लालच के चक्कर में आकर यह लोग दूध के नाम पर सफेद जहर बेचकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मिलावटी दूध के साथ मिलावटी मावा और मिलावटी पनीर भी होता है तैयार
चंबल अंचल में मिलावटी दूध के साथ साथ मिलावटी मावा और मिलावटी पनीर भी तैयार होता है। मिलावटी पनीर और मिलावटी मावा तैयार करके इसकी भी सप्लाई की जाती है। यह मिलावटी पनीर और मिलावटी मावा उतना ही खतरनाक है जितना कि मिलावटी दूध खतरनाक होता है।
त्योहार के समय देश के कई हिस्सों में होता है मिलावटी मावा सप्लाई
त्यौहार का सीजन आते ही देश के कई हिस्सों में चंबल अंचल से मिलावटी मावा सप्लाई किया जाता है। होली हो या दिवाली हो इन सभी बड़े त्योहारों पर चंबल अंचल से मिलावटी मावा तैयार करके देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई किया जाता है। बस और ट्रेन के माध्यम से यह सप्लाई की जाती है।
पुलिस प्रशासन ने कई बार पकड़ा है मिलावटी मावा
त्योहार के समय मिलावटी मावे की सप्लाई पर पुलिस प्रशासन की कड़ी नज़र रहती है। ग्वालियर, भिंड और मुरैना में कई बार पुलिस प्रशासन ने मिलावटी मावा की खेप पकड़ी है लेकिन खास बात यह है कि इस मिलावटी मावा को सप्लाई करने वाले माफियाओं तक पुलिस प्रशासन की टीम नहीं पहुंच पाती है। मिलावटी मावा पकड़े जाने के बाद उस मावे का कोई मालिक निकलकर सामने नहीं आता है।
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English summary
in the name of milk, white poison is being prepared in chambal
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