हाथी सिंह: ब्रह्मचर्य का प्रण तोड़ बिना मुहूर्त की शादी, पत्नी को लड़ाया चुनाव, आ गया परिणाम
बलिया, मई 03: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार कई ऐसे लोगों को हार का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने सीट को महिला आरक्षित होने के बाद शादी ही कर ली और पत्नी को चुनावी मैदान में उतार दिया। हालांकि, बलिया के जितेंद्र सिंह उर्फ हाथी सिंह ने इससे भी बड़ा कदम उठाया। दरअसल, हाथी सिंह ने आजीवन शादी नहीं करने का प्रण लिया था, लेकिन जब इस बार सीट महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई तो उन्होंने समर्थकों के सुझाव पर नामांकन से पहले आनन-फानन में बिना मुहूर्त के ही शादी कर डाली। इसके बाद पत्नी निधि को चुनावी मैदान में उतार दिया, लेकिन उन्हें गांववालों का साथ नहीं मिल पाया। वह चुनाव हार गईं और हाथी के अरमानों पर एक बार फिर पानी फिर गया।
पांच साल पहले लड़ा था चुनाव, मिली थी हार
बलिया के विकासखंड मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्ण छपरा के जितेंद्र उर्फ हाथी सिंह ने वर्ष 2015 में प्रधानी चुनाव लड़ा। वह 57 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। इसके बाद भी हाथी सिंह ने समाज सेवा का काम रोका नहीं। वह पांच सालों से लगातार लोगों की सेवा में लगे रहे। वह पंचायत चुनाव में फिर से किस्मत आजमाना चाहते थे, लेकिन इस बार सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित कर दी गई। इस कारण हाथी सिंह की मैदान में उतरने की मंशा चकनाचूर हो गई। उनके समर्थकों ने सुझाव दिया कि वह शादी कर लें तो उनकी पत्नी चुनाव लड़ सकती है।
ब्रह्मचर्य का प्रण तोड़ की शादी, पत्नी को लड़ाया चुनाव
ब्रह्मचर्य का प्रण ले चुके 45 वर्षीय हाथी सिंह ने अपने समर्थकों के सुझाव पर अमल करते हुए शादी करने का फैसला ले लिया। नामांकन से पहले आनन-फानन में बिना मुहूर्त ही उन्होंने निधि से पहले बिहार की अदालत में शादी की। इसके बाद 26 मार्च को गांव के धर्मनाथजी मंदिर में शादी कर ली। शादी करते ही पत्नी निधि को चुनावी मैदान में उतार दिया और खुद प्रचार में जुट गए। मेंहदी लगे हाथों से ही निधि सिंह भी प्रचार प्रसार में लगी रहीं। उन्होंने घर घर जाकर लोगों से वोट मांगे। लोगों ने खूब आशीर्वाद दिया, लेकिन रिजल्ट आया तो निराशा हाथ लगी। हाथी सिंह की पत्नी भी चुनाव हार गईं। हरि सिंह की पत्नी सोनिका देवी 564 वोट पाकर जीत गईं। हाथी सिंह की पत्नी निधि को 525 वोट मिले।
वोटों की गिनती जारी
उत्तर प्रदेश में चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती लगातार दूसरे दिन भी जारी है। प्रदेश के 75 जिलों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर चार चरणों में चुनाव हुए थे। जिला पंचायत चुनाव के नतीजों पर हर किसी की नजर टिकी हुई है, क्योंकि इसमें राजनीतिक पार्टियों ने अपने कैंडिडेट उतारे हैं।