Azamgarh News: जवानी में मेला देखने निकला और बुढ़ापे में लौटा घर, 26 साल तक लापता रहा शख्स
आजमगढ़ जिले के बरदह थाना अंतर्गत गोठांव गांव निवासी एक युवक 26 साल पहले अपने घर से गायब हो गया था। परिजन उसकी काफी खोजबीन किए लेकिन उसके बारे में जानकारी नहीं मिली। अब सोशल मीडिया के मदद से वह युवक अपने परिजनों से मिला ह
Azamgarh का एक व्यक्ति 26 साल पहले अपने घर से मेला देखने के लिए निकला और गायब हो गया। युवक के गायब होने के बाद परिजन उसकी काफी खोजबीन किए लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। अब 26 साल बाद Social Media के माध्यम से वह युवक अपने परिजनों से मिला है‚ जिसे लेकर जिले में तरह-तरह की चर्चा चल रही है। फिलहाल 26 साल पहले गायब हुए युवक के मिलने के बाद उसके परिवार में खुशी का माहौल है।
1996 में घर से हुआ था गायब
दरअसल आजमगढ़ जिले के बरदह थाना क्षेत्र अंतर्गत गोठांव गांव के रहने वाले शोभन मौर्य का 35 वर्षीय बेटा जिलाजीत मौर्य जन्मजात मूकबधिर था। वर्ष 1996 में घर से मेला देखने के लिए निकला था और वहीं पर से गायब हो गया। जिलाजीत के गायब होने के बाद परिवार वाले आस-पास के गांव और पूरे जिले में खोजबीन किए। लेकिन जिलाजीत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। मूक बधिर होने के चलते वह अपने बारे में किसी व्यक्ति को बता भी नहीं पाया और किसी तरह वह अमेठी चला गया और फिर अमेठी से रायबरेली चला गया।
तीन माह पूर्व परिजनों को मिली जानकारी
गायब होने के 26 साल बाद भी परिजन उसकी तलाश करते रहे। इसी बीच 3 माह पूर्व परिजनों को पता चला कि गायब जिलाजीत अमेठी जिले में किसी के यहां रह रहा है। परिजन अमेठी पहुंचे तो पता चला कि वह अमेठी में एक व्यक्ति के घर पर काफी समय तक रहा लेकिन वहां से भी वह कहीं चला गया है। वहां भी उसके बारे में जानकारी ना मिल पाने के बाद परिजन मायूस हो गए। उसके बाद परिजनों को पता चला कि वह रायबरेली जिले में एक प्रधान के यहां रह रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा भी जिलाजीत के परिजनों की तलाश की जा रही थी। इसी बीच किसी तरह प्रधान और जिलाजीत के परिजनों के बीच संपर्क हुआ। उसके बाद ग्राम प्रधान द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से जिलाजीत का फोटो उसके परिजनों के पास भेजा गया।
टैटू के चलते हो सके उसकी पहचान
दरअसल जिलाजीत के पिता की भी मौत हो चुकी थी। जिलाजीत के पिता ने बचपन में ही जिलाजीत के हाथ पर उसके नाम का टैटू बनवाया हुआ था। ऐसे में रायबरेली जनपद के हटवा गांव के प्रधान शिवेंद्र सिंह जिलाजीत के हाथ पर बने टैटू का फोटो भी लेकर उसके परिजनों के पास भेजा। जिलाजीत के हाथ पर बने टैटू की फोटो देखकर उसके परिवार के लोग उसे पहचान गए। ऐसे में परिवार के लोग उसे घर वापस लाने के लिए रायबरेली गए। ग्राम प्रधान के घर पहुंचने के बाद जिलाजीत अपने परिजनों को पहचान गया और परिजन भी उसे पहचान गए। उसके बाद लोगों की आंखें भर आई और ग्राम प्रधान शिवेंद्र सिंह भी काफी खुश हुए।
बुधवार को जिलाजीत पहुंचे अपने गांव
जवानी में अपने घर से गायब हुए जिलाजीत अब 61 साल के हो चुके हैं। भले ही जिलाजीत बोल नहीं सकते हैं लेकिन अपने परिजनों से मिलने के बाद जिलाजीत काफी खुश नजर आ रहे हैं। परिजनों ने बताया कि जिलाजीत की शादी भी नहीं हुई थी और पिता की मौत के बाद परिजनों को यह उम्मीद नहीं थी कि जिलाजीत उन लोगों को मिल पाएंगे। फिलहाल इस मामले को लेकर पूरे जिले में तरह-तरह की चर्चा चल रही है।