Assam: 22 साल के बिस्वा ने 17 साल की रिनकी से कहा था-'अपनी मां को बता दो, मैं एक दिन CM बनूंगा'
गुवाहाटी, 11मई । सोमवार को हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के मुख्यमंत्री की कमान संभाल ली, एक बेहद ही सादे समारोह में उन्होंने सीएम पद की शपथ ग्रहण की। कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले बिस्वा इस वक्त राज्य के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। असम में कमल की वापसी का श्रेय काफी हद तक उन्हीं को ही जाता है। असम के 15वें मंत्री बनने वाले हिमंत के बारे में उनकी पत्नी रिनिकी भुइयां ने एक बेहद ही खास बात बताई, जिसे सुनकर आपको अंदाजा हो जाएगा कि सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले बिस्वा ने कितने साल पहले ही मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था और वो कब से इसके लिए प्रयासरत थे।
'जाकर बोल दो कि एक दिन मैं असम का मुख्यमंत्री बनूंगा'।
पीटीआई से बात करते हुए सरमा की पत्नी रिनिकी भुइयां ने कहा कि मेरी और हिमंत की पहली मुलाकात कॉटन कॉलेज में हुई थी, उस वक्त मेरी उम्र 17 साल और उनकी उम्र 22 साल थी। हम में मित्रता हो गई और जब हमें एहसास हुआ कि ये रिश्ता दोस्ती से ज्यादा है तो मैंने एक दिन सरमा से पूछा कि अब मैं अपनी मां से आपके बारे में क्या कहूंगी तो उन्होंने जवाब दिया था कि 'जाकर बोल दो कि एक दिन मैं असम का मुख्यमंत्री बनूंगा'।
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हिमंत का लक्ष्य अपनी लाइफ में क्लीयर है: पत्नी रिनकी
रिनकी ने कहा कि उस वक्त तो ये बातें एक हवा की तरह की थीं लेकिन बाद में मैंने सोचा कि हिमंत का लक्ष्य अपनी लाइफ में कितना स्पष्ट है, इसलिए मैं अगर उनसे शादी के लिए सोच रही हूं तो गलत नहीं सोच रही। जो इंसान अपनी बातों, उसूलों का पक्का है और जिसका एक निश्चित लक्ष्य और ख्वाब है, उसे हमसफर चुनना गलत नहीं हैं।
बिस्वा बने असम के 15वें मुख्यमंत्री
आपको बता दें कि हिमंत बिस्वा सरमा का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार दोपहर 12 बजे श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में हुआ। सबसे पहले उन्होंने शपथ ली और उसके बाद भाजपा के 10, एजीपी के 2 और यूपीपीएल के 1 विधायक को शपथ दिलाई गई।
असम में भाजपा के चाणक्य कहलाते हैं बिस्वा
मालूम हो कि बिस्वा का जन्म 1 फरवरी 1969 को कैलाश नाथ सरमा और मृणालिनी देवी के यहां हुआ था। लेकिन उन्होंने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस के साथ शुरू किया था। वो साल 2001 में जलुकबरी सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए वह पहली बार विधायक बने थे। स्पष्टवक्ता और दो टूक बोलने वावले बिस्वा को असम में भाजपा के चाणक्य के रूप में देखा जाता है।
जालुकबारी से 5वीं बार चुनाव जीता
अपनी स्कूली शिक्षा गुवाहाटी से प्राप्त करने वाले बिस्वा ने वकालत में स्नातक किया है और राजनीति में आने से पहले वो वकालत करते थे। वो साल 1996 से 2001 तक गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस किया करते थे। पांचवी बार जालुकबारी सीट से विधायक बनने वाले बिस्वा ने साल 2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी और वो इस दौरान शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, कृषि मंत्री, योजना एवं विकास मंत्री, पीडब्लूडी और वित्त जैसे कई पदों पर आसीन भी रहें।
असम की राजनीति का चर्चित चेहरा
वो इस वक्त असम की राजनीति का चर्चित चेहरा थे। कोविड महामारी के दौरान उनकी पार्टी की ओर से अथक प्रयास किए गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि राज्य में दोबारा से कमल खिला और बिस्वा राज्य के सीएम बने।