ऑपरेशन के दौरान लड़की से SRN अस्पताल में हुआ गैंगरेप, अब भाई ने सोशल मीडिया पर मांगी मदद
प्रयागराज, जून 03: खबर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से है। यहां स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन हॉस्पिटल) में एक लड़की के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान उसके साथ डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने गलत काम किया। इस घटना का खुलासा उस वक्त हुआ जब पीड़िता के भाई ने सोशल मीडिया पर इस बात को बताया। शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने पीड़िता के भाई संपर्क किया और मामले की जांच शुरू कर दी। वहीं, मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने भी मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। हालांकि, प्राचार्य का कहना है कि ऑपरेशन के समय आठ लोग थे, जिसमें पांच महिलाएं थीं।
होना
था
आंत
का
ऑपरेशन
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
पीड़िता
मिर्जापुर
जिले
की
रहने
वाली
है।
29
मई
को
उसे
स्वरूपरानी
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
था।
उसका
31
मई
को
आंत
का
ऑपरेशन
होना
था,
जिसके
लिए
डॉक्टर
उसे
ओटी
में
ले
गए
थे।
पीड़िता
के
भाई
ने
बताया
कि
रात
एक
बजे
वह
ऑपरेशन
के
बाद
जब
लौटी
तो
अचेत
लग
रही
थी।
वह
कुछ
कहना
चाह
रही
थी।
उसे
पेन
दिया
तो
उसने
कागज
पर
लिखा
कि
कुछ
लोगों
ने
उसके
साथ
गलत
काम
किया
है।
इसके
बाद
उसने
प्रयागराज
के
एसएसपी
को
कॉल
करके
सूचना
दी।
थोड़ी
देर
बाद
पुलिस
आ
गई।
सोशल मीडिया पर पीड़िता के भाई ने मांगी मदद
आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ कर उसकी पर्ची फाड़ दी। इसके बाद युवक ने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती वायरल की। इस मामले में डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि रात में सूचना मिलने पर सीओ कोतवाली सतेंद्र तिवारी मौके पर गए थे। पुलिस ने पीड़िता की मां और अन्य रिश्तेदारों से पूछताछ की। किसी ने ऐसा आरोप नहीं लगाया है। युवती के होश में आने पर पूछताछ की जाएगी। इस प्रकरण की जांच के लिए डॉक्टरों ने टीम गठित की गई है।
हाथ
की
लिखी
पर्ची
वायरल
गैंगरेप
का
आरोप
लगाने
वाला
युवक
अपनी
बहन
का
वीडियो
और
हाथ
से
लिखी
हुई
पर्ची
को
भी
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
किया
है।
जिस
पर्ची
को
उसकी
बहन
से
लिखी
बताई
जा
रही
है,
उसमें
लिखा
है
कि
झूठ
बोला
सब।
इलाज
नहीं
किया।
गंदा
काम
हुआ
है
मेरे
साथ।
एसआरएन
के
पांच
डॉक्टर
करेंगे
गैंगरेप
की
जांच
वहीं,
इस
मामले
में
प्राचार्य
डॉ.
एसपी
सिंह
की
सफाई
सामने
आई
है।
उन्होंने
कहा
कि
ऑपरेशन
थिएटर
में
आठ
सदस्य
थे,
जिसमें
पांच
महिला
स्टाफ
भी
शामिल
थीं।
वहां
ट्रांसपैरेंट
शीशा
लगा
हुआ
है।
ऑपरेशन
थिएटर
के
बाहर
उसके
परिवार
के
सदस्य
भी
मौजूद
थे।
फिलहाल
इस
मामले
में
प्राचार्य
ने
वरिष्ठ
चिकित्सकों
की
पांच
सदस्यीय
जांच
कमेटी
का
गठन
कर
दिया
है।
जांच
कमेटी
में
डॉ.
वत्सला
मिश्रा,
डॉ.
अजय
सक्सेना,
डॉ.
अरविंद
गुप्ता,
डॉ.
अमृता
चौरसिया
और
डॉ.
अर्चना
कौल
शामिल
हैं।