₹3 हजार खर्च कर 2 घंटे में पहुंच जाएंगे अहमदाबाद से मुंबई, डायरेक्टर ने बताया कब चलेगी पहली बुलेट ट्रेन
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद से महाराष्ट्र में मुंबई तक भारत की पहली 'बुलेट्र ट्रेन' 2023 के अंत तक पटरियों पर दौड़ सकती है। इस हाई स्पीड रेल की रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा होगी। इसमें सफर करने के लिए करीब 3000 रुपये चुकाने होंगे। महज 2:07 घंटे में इसके जरिए 508 किमी की दूरी तय की जा सकेगी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे ने यह जानकारी दी। खरे ने यह भी कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन एक दिन में 70 चक्कर लगाएगी। इसका एकतरफा किराया मौजूदा दरों पर 3,000 रुपये रखा जा सकता है। हवाई जहाज के मुकाबले इसमें यात्री ज्यादा रोमांचकारी सफर का अहसास कर पाएंगे।
एक दिन में 70 चक्कर लगाएगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन
बता दें कि अचल खरे फिजिबिलिटी रिपोर्ट के दौरान इंडो-जापानी ज्वाइंट वेंचर द्वारा किए गए एक 'सर्वे टू पे सर्वे' के आधार पर आंकड़े जारी कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि हमने अभी तक 622 (45 फीसदी) हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। हम दिसंबर 2023 की समय सीमा को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं। यह कार्य पूरा होने पर बुलेट ट्रेन सुबह छह बजे से देर रात 12 बजे तक 70 फेरे (हर तरफ से 35 फेरे) लगाएगी। अर्थात् 35 अप और 35 डाउन मिलाकर कुल 70 फेरे होंगे।'
राहत और पुनर्वास (आर एंड आर) के लिए 17,000 करोड़ खर्चेंगे
बुलेट ट्रेन अहमदाबाद के साबरमती से मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के बीच चलेगी। आज रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने कालुपूर और साबरमती में लल्टी मोडल ट्रान्सपोर्ट हब की योजना के साथ साबरमती औऱ सरसपुर में स्टेशन के लिये डिजाइन का अनावरण किया है। इस आयोजन के मौके पर अधिकारियों ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए राहत और पुनर्वास (आर एंड आर) के लिए लगभग 17,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बुलेट ट्रेन के लिए 1,380 हेक्टेयर भूमि कब्जाएगी सरकार
वहीं, भूमि अधिग्रहण के बारे में खरे ने कहा कि परियोजना के लिए आवश्यक कुल 1,380 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसमें से अभी 360 हेक्टेयर भूमि गुजरात में अधिग्रहीत कराई जाएगी। गुजरात में निजी भूमि मालिकों को मुआवजे के रूप में 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। गुजरात में हमें 5400 निजी भूखंडों का अधिग्रहण करने की आवश्यकता है। 2,600 भूखंडों के लिए सहमति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और भुगतान किए गए हैं।"
गुजरात के 8 जिलों में हो रहा भू-अधिग्रहण
खरे ने आगे कहा, "गुजरात के आठ जिलों में, जहां भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, उनमें से वडोदरा में 70% और अहमदाबाद में 60% कार्य पूरा हो चुका है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि अब तक हुए सभी अधिग्रहण सहमति से हुए हैं।"
प्रोजेक्ट से 25,000 लोगों को रोजगार मिलेगा
लोगों को रोजगार मुहैया कराने का वादा करते हुए खरे ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 25,000 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। 3500 लोगों को परिचालन और रखरखाव चरण के दौरान एनएचएसआरसीएल द्वारा नियोजित किया जाएगा। साथ ही, अप्रत्यक्ष रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। अनुमान यह है कि अप्रत्यक्ष रोजगार प्रत्यक्ष रोजगार से चार गुना होगा।
पढ़ें: बुलेट ट्रेन के भू-अधिग्रहण का 2 राज्यों में विरोध, गुजरात के 8 जिलों से आईं 2370 शिकायतें
महाराष्ट्र में 17 गाँव बचे जहां अधिग्रहण होना है
महाराष्ट्र में किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के बारे में बताते हुए खरे ने कहा, 'महाराष्ट्र में पालघर और ठाणे में 97 गाँव बुलेट ट्रेन के रूट पर हैं। उन 97 गांवों में से केवल 17 गाँव ही बचे हैं, जहाँ अभी संयुक्त माप सर्वेक्षण चल रहा है। इसके अलावा एनएचआरसीएल प्रस्तावित बुलेट ट्रेन मार्ग पर आने वाले 5 तेल के कुओं के लिए ओएनजीसी को मुआवजे के रूप में 25 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
सितंबर 2017 में रखी गई थी बुलेट ट्रेन की आधारशिला
14 सितंबर 2017 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ बैठक की थी। तब जापान के सहयोग से 1.08 लाख करोड़ की अहमदाबाद-मुंबई बुलट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। इस परियोजना को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था। अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर की इस परियोजना के लिए, गुजरात, दादरा नागरेली और महाराष्ट्र में कुल 1380 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
जापान ने 88,000 करोड़ का कर्ज देने का वादा किया
मोदी-शिंजो की मुलाकात में तय हुआ कि जापान सरकार इस सुपर-स्पीड ट्रेन के लिए भारत को 88,000 करोड़ रुपये का ऋण देगी। तब से इस परियोजना के लिए गठित नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिसंबर 2018 तक सभी जमीन अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सरकार द्वारा अपेक्षित रूप से काम नहीं किया गया। लिहाजा 45 फीसदी भूमि-अधिग्रहण ही हो सका।
किस जिले से कितनी भूमि अधिग्रहित की जानी है?
गुजरात के राजस्व मंत्री नितिन पटेल के अनुसार, विगत 3 वर्षों में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए, राज्य के 8 जिलों में 74,62,493 वर्ग मीटर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया चली। जिसके तहत आणंद में 47,7672 वर्ग मीटर, खेड़ा में 1093987 वर्ग मीटर, वडोदरा में 951783 वर्ग मीटर, भरूच में1283814 वर्ग मीटर, सूरत में 1411997 वर्ग मीटर, नवसारी में 862088 वर्ग मीटर और वलसाड में 109,389 वर्ग मीटर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। यानी गुजरात में कुल 746 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की प्रक्रिया चल रही है।