PM मोदी के कार्यक्रम में PSI की खुदकुशी मामले में उसके साथी को DGP ने सस्पेंड किया, दी थी अपनी पिस्तौल
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुरक्षा बंदोबस्त में तैनात एक पीएसआई ने सह कर्मचारी के हथियार से गोली मारकर खुदकुशी की थी। इस घटना को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में मृतक के सह-कर्मचारी का सस्पेंड कर दिया गया है। उसे इसलिए, सस्पेंड किया गया है, क्योंकि उसकी पिस्तौल से ही पीएसआई ने खुद को शूट कर लिया था।

डीजीपी ने शुक्रवार को सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि अब से उन्हीं पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों की वीवीआईपी और संवेदनशील बंदोबस्त में ड्यूटी लगाई जाए, जिनकी मानसिक स्थिति बेहतर हो और अधिकारियों की ओर से दी जाने वाली ग्रेडिंग में कर्मचारी एवं अधिकारी अच्छी ग्रेडिंग रखते हों। इस संदर्भ में एक परिपत्र भी जारी किया है, जिसके तहत रिवॉल्वर, पिस्तोल से हो रही आकस्मिक दुर्घटनाओं को टालने के लिए पुलिस स्टेशन में यूनिफॉर्म (वर्दी) में ड्यूटी देने वाले पीआई और पीएसआई को ड्यूटी के समय ही हथियार जारी किए जाएंगे।
इतना ही नहीं, अब पांच साल से कम का अनुभव रखने वाले पीएसआई को अपना हथियार ड्यूटी के बाद थाने में ही जमा कराना होगा। किसी भी प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी को सरकारी हथियार का आवंटन नहीं होगा। केवल फायरिंग की प्रैक्टिस और परेड के समय ही उन्हें हथियार दिए जाएंगे।
मालूम हो कि गुजरात में इस साल पुलिसकर्मियों द्वारा सुसाइड किए जाने के तीन मामले सामने आ चुके हैं। कुछ समय पहले ही पहले राजकोट में एक एएसआई के आत्महत्या करने और उससे पहले वडोदरा में एक पीएसआई के आत्महत्या कर लेने का मामला भी सामने आया था। जिसके चलते पुलिस अधिकारियों को दिए जाने वाले हथियारों के मामले में सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया है। साथ ही सुपरवाइजरी अधिकारियों को कर्मचारियों की मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करने का फरमान भी उन्होंने जारी किया है।
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