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पकड़ा गया यासीन भटकल फिर भी नेपाल बॉर्डर पर भटक रहा भारत

By Ajay Mohan
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[अजय मोहन] उम्‍मीद है अपने पड़ोसी के साथ आपके रिश्‍ते मधुर होंगे। बहुत मधुर होंगे, फिर भी आप रात को सोते वक्‍त ताला लगा कर सोते होंगे। अगर एक दरवाजा पड़ोसी के घर में खुलता होगा, तो उसे भी हर रोज बंद करते होंगे और तो और जब कहीं बाहर जाते होंगे, तो घर की चाभी भी पड़ोसी को देने से पहले ताला लगाकर जाते होंगे। क्‍योंकि भले ही पड़ोसी पर आपका अटूट विश्‍वास है, लेकिन उस पर विश्‍वास नहीं, जो पड़ोसी के घर से होते हुए आपके घर में दाखिल हो सकता है। यहां पर आप 'भारत' हैं और पड़ोसी 'नेपाल'।

जी हां यासिन भटकल की गिरफ्तारी भारत के लिये एक बड़ी चेतावनी है कि अब वो अपने घर पर ताला लगाना शुरू कर दे, नहीं तो पुणे, अहमदाबाद, मुंबई, सूरत, दिल्‍ली, आदि शहरों में हुए बम धमाकों में तो 600 लोगों की जाने गई थी, सचेत नहीं हुए तो 6 हजार या 6 लाख जाने भी जा सकती हैं। नेपाल सीमा पर गिरफ्तारी यह साफ दर्शा रही है कि भारत को पड़ोसी के घर में खुलने वाले इस दरवाजे (नेपाल बॉर्डर) को लेकर सचेत हो जाना चाहिये। हम यह नहीं कह रहे हैं कि नेपाल को भी उसी तराजू में तौल दें, जिसके एक पलड़े पर पाकिस्‍तान बैठा है, बल्कि यह कहना चाहते हैं कि जिस तरह बांग्‍लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ के जवान 24 घंटे निगरानी रखते हैं, उसी तरह नेपाल बॉर्डर पर भी निगरानी की जरूरत है।

गोरखपुर के पास बढ़नी हो या बनबसा के पास महेंद्रनगर या फिर टनकपुर के पास शरदा नदी पर सीमा रेखा, यूपी से लगी सीमा रेखा हो या बिहार से, आज की डेट में नेपाल बॉर्डर पार करना इतना आसान है, जितना की अपनी छत से पड़ोसी की छत पर जाना। नेपाल मित्र देश है, लेकिन उसी मित्र की जमीन का इस्‍तेमाल अब अन्‍य देश भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिये करने लगे हैं, इसमें कोई शक नहीं। पाकिस्‍तान से चीन और चीन से नेपाल आना बेहद आसान है।

1950 में भारत और नेपाल के बीच इंडो-नेपाल ट्रीटी ऑफ पीस एंड फ्रेंडशिप पर हस्‍ताक्षर हुए, जिसमें कहा गया कि दोनों देश एक दूसरे के गहरे मित्र हैं। कई सारे अनुच्‍छेद संधिपत्र में लिखे गये, लेकिन इस संधिपत्र में सीमा पर कोई चर्चा नहीं की गई। भारत-नेपाल सीमा को लेकर भी कई विवाद हैं, जो आज तक नहीं सुलझ पाये हैं। उन्‍हें सुलझाने के लिये 1993, 1998, 2001 और 2003 में किये गये, लेकिन सफल नहीं हुए। यही कारण है कि भारत नेपाल सीमा पर शसस्‍त्र जवानों की तैनाती नहीं कर सकता। नेपाल बॉर्डर पर आपको कस्‍टम या बॉर्डर पुलिस की ही तैनाती होती है।

भटकल से पहले की बात करें तो दाउद की टीम का शातिर खिलाड़ी व बम एक्‍सपर्ट अब्‍दुल करीम टुंडा भी नेपाल बॉर्डर से ही गिरफ्तार किया गया था। ये दो आतंकी पकड़ में आ गये, इसका मतलब यह नहीं कि सारे आतंकी पकड़ लिये गये, सोचने वाली बात तो यह है कि दो पकड़े गये हैं, तो कितने होंगे, जो देश की सीमा को असासानी से पार कर चुके होंगे। और अगर उन आतंकियों ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया, तो अपने निर्दोष पड़ोसी को दोष देना ठीक नहीं होगा।

अफसोसजनक बातें स्‍लाइडर में

संवेदनशील नहीं सरकार

संवेदनशील नहीं सरकार

यासीन भटकल की गिरफ्तारी हो गई, लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने की कोई बात नहीं कही। इससे साफ जाहिर है कि सरकार आंतरिक सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। वैसे भी 1950 से लेकर अब तक कोई भी सरकार नहीं रही, जिसने भारत-नेपाल की सीमा को लेकर संवेदनशीलता दिखाई हो। फिर चाहे वो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या फिर कांग्रेस के किसी प्रधानमंत्री की।

नेपाल के रास्‍ते नकली नोट

नेपाल के रास्‍ते नकली नोट

नेपाल बॉर्डर खुला होने के कारण बड़ी ही आसानी से आप कोई भी सामान ला सकते हैं। बॉर्डर पर चेकिंग के नाम पर मात्र खानापूर्ति होती है, वो भी अगर कोई जरूरत से ज्‍यादा इलेक्‍ट्रॉनिक आईटम ला रहा है, तो ही उसे रोका जायेगा।

जनसंख्‍या बढ़ा रहे नेपाली

जनसंख्‍या बढ़ा रहे नेपाली

भारत की जनसंख्‍या पहले ही बहुत अधिक है, ऊपर से नेपाली और बांग्‍लादेशी लोगों की भरमार भारत की अर्थव्‍यवस्‍था पर खासा प्रभाव डालते हैं। अगर ताज़ा आंकड़ों की बात करें तो भारत में नेपालियों की संख्‍या 12 मिलियन यानी 1.2 करोड़ है। अधिकांश नेपाली असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं, इसलिये इनकी सही संख्‍या का पता करना भी नामुमकिन है।

नेपाल बॉर्डर से लड़कियों की सप्‍लाई

नेपाल बॉर्डर से लड़कियों की सप्‍लाई

नेपाल बॉर्डर पर हथियार ले जाना आसान भले ही न हो, लेकिन लड़कियों को बॉर्डर पार कराना बेहद आसान है। यही कारण है कि नेपाल से हर साल करीब 2 लाख लड़कियां यहां वेश्‍यावृत्ति के लिये लायी जाती हैं। नेपाल की एनजीओ मैती की रिपोर्ट के अनुसार भारत लायी जाने वाली लड़कियों में अधिकांश 14 साल से कम उम्र की होती हैं।

वर्जिन नेपाली लड़कियों की डिमांड

वर्जिन नेपाली लड़कियों की डिमांड

भारत में वेश्‍यावृत्ति में नेपाली लड़कियों की सहभागिता पर किये गये अध्‍ययन के अनुसार भारत में नेपाल से लायी जाने वाली वर्जिन लड़कियों की डिमांड ज्‍यादा रहती है। यही नहीं भारत के अलग-अलग शहरों से अगवा की गई लड़कियां भी नेपाल के रास्‍ते विदेश भेजने का काम होता है।

ड्रग्‍स की सप्‍लाई

ड्रग्‍स की सप्‍लाई

उत्‍तर प्रदेश पुलिस हर साल एक न एक बड़े रैकेट का खुलासा जरूर करती है, जिसमें कोकीन और ब्राउन शुगर जब्‍त की जाती है। इनमें तमाम मामले नेपाल बॉर्डर के होते हैं, जो साफ तौर पर सूचक हैं कि नेपाल के रास्‍ते भारत में ड्रग्‍स की सप्‍लाई वृहद स्‍तर पर होती है।

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English summary
After the Indian Mujahideen founder Yasin Bhatkal arrested from Indo-Nepal border, Indian government should tighten the security at this border too.
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