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महिलाएं क्‍यों ऑनलाइन खरीदना पसंद करती हैं ब्रा-पैंटी

By Ajay Mohan
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हमारे देश में आज भी जब लड़कियां बाजार में जाती हैं और उन्‍हें अंत:वस्‍त्र खरीदने होते हैं, तो वह वही दुकान चुनती हैं, जहां सेल्‍सगर्ल हो। तमाम लड़कियां अपने अंत:वस्‍त्र अपनी मां, बड़ी बहन, भाभी, आदि से मंगवाती हैं। इंटरनेट युग के आने के बाद इसी झिझक ने तमाम लिंगरी कंपनियों के लिये पैसे की खानें खेल दीं। आपको यह जानकर ताज्‍जुब होगा कि हर साल भारत तें 9,500 करोड़ रुपए सिर्फ ब्रा-पैन्‍टी खरीदने पर खर्च करती हैं, वो भी ऑनलाइन शॉपिंग के माध्‍यम से।

यह सब संभव हुआ है ई-कॉमर्स की वजह से। भारत में ऑनलाइन ट्रांजैक्‍शन के माध्‍यम से लिंगरी खरीदने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। महिलाएं अंत:वस्‍त्रों में ब्रा, पैन्‍टी, स्विम वियर, शेपवियर, आदि चीजें इंटरनेट के माध्‍यम से खरीदना ज्‍यादा पसंद करती हैं। और इंटरनेट पर यह खरीददारी हर साल 14 फीसदी की दर से बढ़ रही है।

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सुविधा, उपयुक्‍त दाम, अपनी पसंद और प्राइवेसी यानी निजता है। यदि आपको इंटरनेट पर शॉपिंग करनी है, तो आप नेटबैंकिंग के माध्‍यम से कहीं भी कभी भी कुछ भी खरीद सकते हैं। अब तो तमाम बड़ी कंपनियां एक से दो दिन में डिलीवरी भी दे देती हैं।

आइये जानते हैं इस बाजार से जुड़े कई अन्‍य तथ्‍य

 9,500 करोड़ रुपए तो सिर्फ अंत:वस्‍त्र खरीदने पर खर्च

9,500 करोड़ रुपए तो सिर्फ अंत:वस्‍त्र खरीदने पर खर्च

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इ-कॉमर्स का बाजार 33 फीसदी की दर से हर साल बढ़ रहा है। वर्ष 2013 के अंत तक यह बाजार 62,967 करोड़ रुपए तक पहुंच जायेगा। दिसंबर 2012 में यह बाजार 47,349 का था, जिसमें 9,500 करोड़ रुपए तो सिर्फ अंत:वस्‍त्र खरीदने पर खर्च किये गये। बाकी के 37,949 करोड़ अन्य चीजें जैसे बिल भुगतान, मोबाइल, लैपटॉप, किताबें, पेनड्राइव, बर्तन, घर के सामान और बहुत कुछ।

बाकी चीजों का बाजार

बाकी चीजों का बाजार

इंटरनेट के माध्‍यम से किताबें, ज्‍वेलरी, जूते, आदि का बाजार 10 हजार करोड़ तक पहुंचने की उम्‍मीद।

ऑनलाइन लिंगरी शॉप

ऑनलाइन लिंगरी शॉप

इक्‍नॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन लिंगरी शॉपिंग 400 फीसदी की दर से हर साल बढ़ रही है। अंत:वस्‍त्र बनाने वाली कंपनी जिवामी इसी दर से पैसा कमा रही है और इस साल के अंत तक वह 300 करोड़ रुपए का व्‍यापार कर चुकी होगी। ऐसा ही हाल कुछ मूड्स आफ क्‍लो, पेरी-पेरी स्किनवियर, अंडर कवर लिंगरी, प्रिटी सीक्रेट, आदि कंपनियों का है।

बढ़ रहा है गिफ्ट देने का चलन

बढ़ रहा है गिफ्ट देने का चलन

भारत में लिंगरी गिफ्ट करने का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। तमाम वेबसाइट हैं जैसे ThatsPersonal.com जो आपकी प्राइवेसी का पूरा खयाल रखती हैं। ऐसी साइटों के माध्‍यम से पुरुष अपनी गर्लफ्रेंड, पत्‍नी या किसी अन्‍य महिला मित्र को लिंगेरी गिफ्ट करते हैं। इंटरनेट के माध्‍यम से ऐसे गिफ्ट देने पर किसी को पता तक नहीं चलता।

लिंगरी उद्योग बढ़ने का कारण सेक्‍सी तस्‍वीरें

लिंगरी उद्योग बढ़ने का कारण सेक्‍सी तस्‍वीरें

इंटरनेट पर लिंगरी शॉपिंग की वेबसाइटों के तेजी से आगे बढ़ने का एक सबसे बड़ा कारण सेक्‍सी तस्‍वीरें हैं। इन वेबसाइटों पर आपको एक से एक बेहतरीन मॉडल्‍स लिंगेरी में दिखाई देंगी। तमाम लोग तो सिर्फ तस्‍वीरें देखने के लिये ही साइट पर जाते हैं।

लिंगेरी बेचने का नया ट्रेंड

लिंगेरी बेचने का नया ट्रेंड

लिंगरी बेचने वाली कंपिनयों ने अब नया ट्रेंड अपनाया है, जिसमें अलग-अलग प्रकार की लिंगेरी पहनकर महिलाएं विभिन्‍न प्रकार की क्रियाएं करती नजर आती हैं। इस तरह ग्राहक आकर्षित हो उठता है और झट से ई-वॉलेट निकाल देता है।

भारत में बाजार

भारत में बाजार

भारत में अगर लिंगरी के ऑनलाइन बाजार की बात करें तो 2003 में यह बाजार 780 करोड़ रुपए का था, जो अब बढ़कर 9 हजार करोड़ के ऊपर चला गया।

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English summary
E-commerce in India played on convenience, price and choice. Here the online buying of lingerie has increased by many folds.
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