IAS/IPS के 2 से अधिक संतान कानून के खिलाफ
लखनऊ। तीन दिन बाद यानी 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है। हमारा आपके लिये सुझाव है, यदि आप किसी मंच पर किसी भी ऐसे आईएएस या आईपीएस अधिकारी को भाषणबाजी करते देखें, जिनके दो से अधिक संतान हैं, उनसे यह जरूर पूछें, कि बच्चे पैदा करते वक्त क्या वो कानून भूल गये थे। चकराइये मत, यह सवाल करने पर आपको आईएएस घूरेगा जरूर, लेकिन वो आपको कुछ कह नहीं पायेगा, क्योंकि भारतीय संविधान की धारा 1968 का नियम 17A के तहत एक आईएएस अधिकारी 2 से अधिक संतान पैदा नहीं कर सकता। जी हां समाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इस मामले को उठाया है और उन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही की मांग की है जिन्होंने इस नियम का उल्लंघन किया है।
नूतन ठाकुर ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि ''सरकारें अकसर नियम बना कर उसे भूल जाने के लिए जानी जाती हैं। अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली 1968 का नियम 17A एक ऐसा ही नियम है। इस नियम के अनुसार इन सेवाओं के प्रत्येक अधिकारी को अपने व्यक्तिगत स्तर पर दो शिशु परिवार मानक का पालन करना अनिवार्य है। यह नियम 13 जनवरी 1995 को नोटिफिकेशन संख्या 11017/27/93-एआईएस(III) के माध्यम से लागू किया गया था।
मैंने प्रत्येक अधिकारी के सम्बन्ध में सूचना एकत्र कर उन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही किये जाने की मांग की है जिन्होंने इस नियम का उल्लंघन किया है। मेरा यह दृढ मत है कि यदि कोई नियम बनाया जाए तो उसका पालन भी होना चाहिए।'' इसके अलावा अब सोचने और गौर करने वाली बात ये है कि आप कितने ऐसे आईएएस और आईपीएस को जानते हैं जिनके 2 से अधिक बच्चे हैं। अगर आप किसी को जानते हैं तो उसका नाम नीचे दिये कमेंट बॉक्स में लिखें। और उनसे ये सवाल पूछिए कि क्या वो इस नियम के बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो क्यों नहीं? और अगर हां तो फिर नियम का पालन क्यों नहीं?