तबाही से निपटने के उपायों पर PAC नाराज, गृह मंत्रायल की भी आलोचना
नयी दिल्ली। उत्तराखंड में कुदरत के कहर ने देश में ताबाही ने निपटने के तरीकों पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिस तरीके से सरकार ने उत्तराखंड की तबाही में अपना रोल दिखाया उससे वो अब सवालों के घेरे में आ गए है।
संसद की एक समिति ने आपदाओं से निपटने के लिए बनाए गए विभिन्न संगठनों के कामकाज की कड़ी आलोचना करते हुए गृह मंत्रायल के कामकाज पर भी सवाल उठाया है। महत्वपूर्ण मुद्दों पर तेजी से फैसला करने में विफल रहने के लिए समिति ने गृह मंत्रालय की आलोचना की है।
उत्तराखंड में विनाशकारी बाढ़ से हुई जबर्दस्त तबाही के बाद पीएसी की महत्वपूर्ण बैठक हुई है। पीएसी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए के कामकाज के तरीकों पर भी सवाल उठाया है। सदस्यों ने आलोचना की है कि 2006 में पुर्नगठन के बाद भी एनडीएमए ने अपने आंतरिक कामकाज को चलाने के लिए नियम नहीं बना पाया है। आलोचना झेल रही एनडीएमए को गृह मंत्रालय ने भी अपने कामकाज के नियम बनाने का आदेश दिया है।
गृह मंत्रायल के आदेश के बावजूद भी अब तक ऐसा नहीं किया गया है। एनडीएमसी के कामकाज के रवैये को देखते हुए पीएसी ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर भी सवाल उठाया है। पीएसी की नाराजगी के बाद अब गृह सचिव ने दिलाया भरोसा तीन हफ्ते के भीतर वो इस मसले में कोई ना कोई कार्रवाई जरुर करेंगे।