अग्निशमन दिवस: आग तो आग है..दोस्त या दुश्मन?
14 अप्रैल, 1944 को मुम्बई बंदरगाह में फोर्टस्टीकेन नामक मालवाहक जहाज जिसमें रूई की गांठें, विस्फोटक एवं युद्ध उपकरण भरे हुए थे, में अकस्मात आग लग गयी थी। आग को बुझाते समय जहाज में विस्फोटक सामग्री होने के कारण 66 अग्निशमन कर्मी आग की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्त हुए थे। इन बहादुर अग्निशमन कर्मियों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को अग्निशमन दिवस मनाया जाता है।
अग्निशमन
सप्ताह
के
अंतर्गत
नागरिकों
को
अग्नि
से
बचाव
तथा
सावधानी
बरतने
के
सम्बंध
में
जागृत
करने
के
लिए
विभिन्न
कार्यक्रमों
का
आयोजन
किया
जाता
है।
अग्नि
सुरक्षा
सप्ताह
का
उद्देश्य
नागरिकों
को
अग्निकांडों
से
होने
वाली
क्षति
के
प्रति
जागरूक
करना
तथा
अग्निकांडों
को
रोकने
एवं
अग्नि
से
बचाव
के
उपायों
के
संबंध
में
शिक्षित
करना
है।
इसके
साथ
ही
सुरक्षित
मार्ग
की
व्यवस्था,
अग्निशामक
उपकरणों
का
प्रयोग,
आग
की
स्थिति
में
बचाव
के
उपाय,
उद्योगों
में
अग्नि
सुरक्षा
व
सावधानियां,
विद्युत
अग्नि
सुरक्षा
व
सावधानी,
बहुमंजिले
भवनों
में
अग्नि
सुरक्षा,
विकलांग
व्यक्तियों
के
लिए
अग्नि
सुरक्षा
आदि।
अग्निशमन सेवा मुख्यालय के उपनिदेशक पी. के. राव के अनुसार 14 अप्रैल, 2013 को स्मृति दिवस परेड होगी, 15 अप्रैल को फायर स्टेशन व महत्वपूर्ण स्थानों पर समस्त फायर स्टेशन क्षेत्रों में फायर रैली निकाली जाएगी, 16 अप्रैल को पूर्वाह्न से जनपदीय मुख्यालय व तहसील स्तर पर विद्यमान फायर स्टेशनों, स्कूल/कालेजों में 'अग्नि सुरक्षा' से सम्बंधित निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक पूर्वाह्न से जनपदीय मुख्यालय व तहसील स्तर पर बहुखंडीय भवनों का निरीक्षण, अग्निशमन से सम्बंधित जनजागरण 'धुएं से सुरक्षा- हो जीवन की रक्षा' के संकल्प पर विशेष रूप से जोर दिया जाएगा। बहुखंडीय भवनों में अग्नि से सुरक्षा सम्बंधी गोष्ठी हेतु व्यापार मण्डल के सम्भ्रांत व्यक्तियों एवं नागरिकों को बुलाकर विचार-विमर्श किया जाएगा तथा 20 अप्रैल 2013 को पूर्वाह्न से ग्रामीण अंचलों में प्रभारी अग्निशमन अधिकारी द्वारा अग्नि सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।