भूमि घोटाले के आरोपियों को संरक्षण दे रही है सपा सरकार: भाजपा
घोटाले को लेकर लोकायुक्त द्वारा नोएडा आथारिटी द्वारा सहयोग न किए जाने का आरोप लगाया जाना। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा नोएडा में हुए भूमि घोटाले के आरोपियों की पुनः तैनाती को लेकर सवाल किए जाने से यह बात स्पष्ट हो गई है कि प्रदेश की सपा सरकार की बातो मे ही भ्रष्टाचार पर अंकुश है जबकि सच्चाई यह है कि पूर्ववर्ती बसपा सरकार की तरह ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी तरह से फैसला ले रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पूर्व में नोएडा में एक लाख करोड़ के भूमि घोटाले के आरोप तथ्य सहित सार्वजनिक किये थे। महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया था। जहां तक नोएडा फार्म हाउस घोटाले का प्रश्न है यह सरकार की वह किन्हे बचाना चाहती है।
सपा सरकार ने पहले तो प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट को दबाने का प्रयास हुआ। बाद मे विपक्षी दलों और मीडिया के दबाव मे मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने लोकायुक्त द्वारा जांच कराये जाने की घोषणा करी। जबकि लोकायुक्त ने कहा था कि उन्हे कोई जांच के आदेश नही मिले। बाद में भारी दबाव में जांच सौपी गयी और अब लोकायुक्त द्वारा फार्म हाउस घोटाले के सन्दर्भ में पूछे गए 42 प्रश्नों मे से 25 सवालों का जवाब नोएड़ा आथारिटी द्वारा अभी तक नही दिया गया साथ ही घोटाले से जुड़े दस्तावेजों को उपलब्ध कराने मे निरंतर आना कानी की जा रही है।
श्री पाठक ने कहा कि नोएड़ा फार्म हाउस घोटाले मे भाजपा ने 5000 करोड़ की घपले की आशंका व्यक्त की थी। जिसमें 888/- वर्ग मी की दर से ली गई किसानों की जमीन का बाजार भाव 15000/- से लेकर 200,00/- की है इसमें आवंटन अस्तित्व विहीन कम्पनियों को किया गया था। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आखिर कौन सी परिस्थितियां है जिसके कारण जो आरोपी है जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है, जांच चल रही है और अब न्यायालय में भी 29 अक्टूबर से दिन ब दिन सुनवाई होगी। उन्हीं अधिकारियों को नोएडा में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध निर्णयाक कार्यवाही के लिए आवश्यक है कि जो अधिकारी आरोपो की जद में है उन्होंने वहां से हटाया जाये। साथ ही निष्पक्ष अधिकारियों की तैनाती करते हुए फार्म हाउस घोटाले की जांच मे आ रही अड़चनो को दूर किया जाये।