रेलवे में सर्विस टैक्स से नहीं बढेगा किराया
सूत्र बता रहे हैं कि संप्रग सरकार इस समय ममता की खासी दबाव में है और उसकी कोशिश है कि प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी पर उसे मना लिया जाए। इसी कड़ी के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की देखरेख में चल रहे वित्त मंत्रालय से मुकुल राय को सकारात्मक जवाब मिलने की उम्मीद है। वहीं एक सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने भी यह मान लिया है कि रेलवे में उसे सर्विस टैक्स नहीं लगाना है। हालांकि अभी तक कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ है।
वैसे रेलवे के एक अधिकारी ने भी कहा कि रेलवे और वित्त मंत्रालय के बीच भ्रम के चलते यह फैसला लागू नहीं हो पाया है। इसे एक जुलाई से लागू होना था। वित्त मंत्रालय ने सेवा कर की नकारात्मक सूची में सामान और यात्रियों के परिवहन को शामिल किया है, लेकिन रेलवे को वित्त मंत्रालय की ओर से इस आशय की कोई सूचना नहीं मिली है। रेल अधिकारियों को उम्मीद है कि रेल मंत्री के आज दिल्ली लौटने पर तस्वीर साफ होगी।
मुकुल राय ने शुक्रवार को लिखा था पीएम को खत
रेल मंत्री मुकुल रॉय ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यात्री किराये और माल भाड़े पर सेवा कर लागू नहीं करने की मांग की थी। प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के बाद प्रधानमंत्री ही वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे हैं। इससे पहले राय पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी इसका आग्रह कर चुके हैं। रेल किराये पर सेवा कर लागू होने के बावजूद अगर रेलवे यात्रियों पर इसका बोझ नहीं डालती तो उस पर हर साल 6000 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा।
3.6 फीसदी लगना था सर्विस टैक्स
प्रणब मुखर्जी ने जब आम बजट पेश किया था तब उन्होंने सर्विस टैक्स के मानक को बढ़ा दिया था। इस दायरे में रेल सेवा भी आती है इसलिए एक जुलाई से लागू बजट में रेलवे को भी सर्विस टैक्स देना होता जिससे रेल यात्रा और महंगी हो जाती। टैक्स 3.6 फीसदी लगना था।