हरियाणा: 8 जुलाई तक बढ़ी स्कूल की छुट्टियां
बिजली की बढ़ी भारी मांग
अत्याधिक गर्मी और मानसून में देरी होने के कारण हरियाणा में बिजली की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कल प्रदेश में अधिकतम अनुमानित मांग 7812 मेगावाट थी जो अब तक की सर्वाधिक है। बिजली की मांग में बढ़ोतरी विशेषकर घरेलू और गैर-घरेलू क्षेत्र में तथा धान की रोपाई व खरीफ की अन्य फसलों की सिंचाई के लिए कृषि क्षेत्र में हुई है। यह जानकारी दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक डा. अमित अग्रवाल ने देते हुए बताया कि 28 जून, 2012 को बिजली मांग 1528.33 लाख यूनिट थी जबकि गत वर्ष यह 1127.45 लाख यूनिट थी।
डा. अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा के बिजली निगम सामान्य हालात में बिजली की मांग पूरी करने में पूरी तरह तैयार थे। बिजली निगमों ने ग्रिड और अन्य स्रोतों से बिजली खरीद कर अनापेक्षित रूप से बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के भी भरसक प्रयास किए हैं और उत्पादक संयंत्रों में दिक्कत होने के बावजूद मात्रा के हिसाब से अब तक की सर्वाधिक बिजली की आपूर्ति की है। बिजली निगम प्रदेश में बढ़ी हुई बिजली की मांग को पूरा करने के लिए ग्रिड और अन्य स्रोतों से और ज्यादा बिजली खरीदने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बिजली निगमों ने गत् 24 जून को रिकॉर्ड 1419.13 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की जो पिछले वर्ष इस दिन की गई आपूर्ति से लगभग 110 लाख यूनिट ज्यादा है। 25 जून,2011 को 1309.99 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई थी। एक दिवसीय बिजली आपूर्ति का पुराना रिकॉर्ड 20 जुलाई, 2011 को 1403.5 लाख यूनिट का था। प्रदेश में बिजली ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली ने 27 जून,2012 को अब तक सर्वाधिक 6535 मेगावाट लोड लिया। इससे पूर्व का रिकॉर्ड 21 जुलाई,2011 को 6433 मेगावाट था।