एआईसीटीई में प्रवेश से पहले भरना होगा रैगिंग विरोधी शपथपत्र
नयी दिल्ली। नये छात्रों में रैगिंग के भय को देखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई ने कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों और उनके अभिवावकों से रैगिंग के विरोध में वचनबद्धता की शपथपत्र लेने का निर्णय किया है। परिषद के एक अधिकारी ने भाषा से कहा कि नये भविष्य का सपना संजोए लाखों छात्र कालेजों में दाखिला लेते हैं, जहां इनमें से काफी छात्रों के रैगिंग की बुराई का शिकार होने और कई छात्रों के उससे घबरा कर आत्महत्या करने तक की खबरें सामने आई है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थान में रैगिंग के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में परिषद ने 2009 में दिशानिर्देश जारी किया था । अब संस्थाओं में दाखिला लेने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों से शपथपत्र में एआईसीटीई के दिशानिर्देशों का पालन करने की वचनबद्धता देने को कहा गया है।
वहीं, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी ने आयोग की वेबासाइट पर रैगिंग निरोधक शिकायत प्रबंधन प्रणाली के तहत कॉल सेंटर स्थापित करने के कार्य को अंतिम रूप दिया है। आयोग के अधिकारी ने बताया कि इस विषय पर वाणिज्यिक निविदा जारी की गई थी जिसके लिए नौ निविदा प्राप्त हुई । इनमें से प्रारंभिक स्तर पर छह निविदा का चयन किया गया और अंतत: सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी एमएस साइरेक्स इंफोसिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इस कार्य के लिए चुना गया।
रैगिंग के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए यूजीसी ने हिमाचल प्रदेश में रैगिंग के शिकार छात्र अमन काचरू के पिता राजेन्द्र काचरू के ट्रस्ट को अभियान में शामिल किया है । राजेन्द्र काचरू सरकार के रैगिंग निरोधक हेल्पलाइन के स्वरूप के मुखर विरोधी रहे हैं। बहरहाल, आयोग ने राजेन्द्र काचरू के अमन सत्या काचरू ट्रस्ट को रैगिंग निरोधक अभियान में शामिल करने का निर्णय किया है।
यह ट्रस्ट रैगिंग के खिलाफ कॉल सेंटर के कामकाज की निगरानी करेगा। वहीं, एआईसीटीई ने छात्रों और उनके अभिवावकों से शपथपत्र में यह वचनबद्धता देने को कहा है कि उन्हें परिषद के दिशानिर्देशों की प्रति प्राप्त हो गई है और वे इसके विभिन्न आयामों से पूरी तरह से अवगत है।
छात्रों से यह वचनबद्धता देने को कहा गया है कि इससे पहले वह रैगिंग करने, इसके लिए उकसाने या इससे जुड़े अपराध में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में शामिल नहीं रहे हैं। इसके कारण उन्हें कभी भी संस्थान से निलंबित या निष्काषित नहीं किया गया है। अगर वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल पाये जाते हैं तब उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जा सकती है।
अभिभावकों से लिए जाने वाले शपथपत्र में यह लिखित वचन देने को कहा गया है कि उनका बच्चा कभी भी रैगिंग करने, इसके लिए उकसाने या इससे जुड़े अपराध में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में शामिल नहीं रहा है । अगर वे किसी गतिविधि में शामिल पाये जाते हैं तब उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जा सकती है।