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11 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्‍टरों ने रचा इतिहास

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बैतूल। पिछले 11 माह से जुड़ी हुई बहनों को अलग करने में आखिरकार देश-विदेश के डाक्टरों को सफलता मिल ही गई। पाढर मिशन अस्पताल में लगभग 11 घंटे तक चले ऑपरेशन में 23 डाक्टरों की टीम ने एक साथ जुड़ी हुई स्तुति एवं आराधना को अलग-अलग कर दिया। सुबह नौ बजे शुरू हुआ आपरेशन रात तक चला।

आपरेशन के बाद स्तुति को एनआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि आराधना को उसके आधे घंटे बाद वहां लाया गया। डाक्टरों के मुताबिक दोनों को 48 घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा जाएगा। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य की पल-पल की मानीटरिंग करेगी। स्तुति-आराधना के आपरेशन के दौरान दोनों की सलामती एवं आपरेशन की सफलता के लिए दिन भर पाढर अस्पताल के सामने धार्मिक अनुष्ठानों का दौर जारी रहा।

बैतूल जिले के चिचोली ब्लाक अंतर्गत चूडि़या ग्राम निवासी माया यादव ने दो जुलाई 2011 को जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था। माया के यहां एक साथ दो खुशियां जरूर आयीं, परंतु जब दोनों के शरीर एक साथ जुड़े होने का खुलासा हुआ तब माया एवं उसके पति ने दोनों जुड़वां बेटियों को स्वीकार करने की बजाय पाढर मिशन अस्पताल को दान कर दिया।

पाढर अस्पताल प्रबंधन ने एक-दूसरे से जुड़ी बच्चियों को सहर्ष स्वीकार कर सेवाभाव से उनकी परवरिश की। इतना ही नहीं, अस्पताल प्रबंधन ने दोनों बच्चियों को अलग करने का चुनौतीपूर्ण बीड़ा उठाकर बच्चियों की मेजर सर्जरी के लिए देश-विदेश के डाक्टरों से संपर्क भी किया। साथ ही आपरेशन के लिए पाढर अस्पताल प्रबंधन द्वारा देश-विदेश से मशीनें भी बुलाई गईं।

पाढर अस्पताल में बुधवार सुबह विशेष प्रार्थना के बाद साढ़े आठ बजे से आपरेशन शुरू हुआ। आस्ट्रेलिया, वेल्लौर, लुधियाना, चंडीगढ़, हैदराबाद, गुजरात एवं पाढर अस्पताल के 23 डाक्टरों एवं 11 मेडिकल स्टाफ की टीम आपरेशन करने में जुट गई। हाईटेक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित पाढर अस्पताल के आपरेशन थियेटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आपरेशन के पहले चरण में दोनों बच्चियों को इनस्थीसिया दिया।

इसके लगभग ढाई घंटे बाद सर्जरी की शुरुआत हुई। आपरेशन के दूसरे चरण में एक थैली में रखे हुए दोनों हृदयों को अलग-अलग कर बच्चियों के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। चूंकि दोनों बच्चियों का लीवर जुड़ा हुआ था, इसलिए तीसरे चरण में लीवर ट्रांसप्लांट सर्जनों की टीम ने लगभग दो घंटे की क्रिटिकल सर्जरी में लीवर को अलग करने में सफलता प्राप्त की।

डाक्टरों ने दोनों बच्चियों के शरीर में लीवर को भी अलग कर दिया। आपरेशन के चौथे चरण में शरीर के जुड़े हुए अन्य हिस्सों को भी अलग-अलग कर पैकअप किया गया। लगभग 11 घंटे चले मेजर आपरेशन के बाद रात्रि करीब 8 बजे स्तुति को एनआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, जबकि आराधना को इसके आधे घंटे बाद से लाया गया।

डाक्टरों के मुताबिक दोनों को 48 घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा जाएगा। पाढर अस्पताल अधीक्षक डाक्टर राजीव चौधरी ने बताया कि डाक्टरों की टीम आपरेशन से खुश है। बच्चियों के आपरेशन के दौरान आपरेशन की सफलता और सलामती के लिए पाढर अस्पताल के सामने सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया था जो देर रात तक जारी था।

English summary
Eleven-month-old conjoined twins were successfully separated after a day-long complex surgery on Wednesday in Betul, Madhya Pradesh.
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