मायावती की सरकार में हुआ 'हाथी घोटाला'
सोमवार को लखनऊ पुलिस ने यूपी स्टेट निर्माण निगम के ऑफिस और गोदामों पर छापे मारे, उसके दौरान उन्हें पार्क और स्मारकों के लिए टेंडर संबंधी, मूर्ति बनाने वालों को भुगतान और हाथियों की मूर्तियों के दामों के निर्धारण में अनियमितता देखने को मिली है।
सूत्रों के अनुसार आगरा के एक मूर्तिकार ने इसका खुलासा किया है। डीओईजी के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज कर एक फर्म मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। ग्राम दूरा, फतेहपुर सीकरी (आगरा) निवासी मूर्तिकार मदनलाल के मुताबित 9-10 कैंट रोड स्थित लखनऊ मार्बल्स के आदित्य अग्रवाल ने आर्डर दिया था कि एक मूर्ति के लिए 48 लाख रूपये दिये जाएंगे। मूर्ति अंबेडकर पार्क पहुंचने के बाद मदनलाल को केवल 7 लाख छप्पन हजार रूपये ही दिए गये। शेष 40 लाख 48 हजार रूपये के लिए उन्होंने आदित्य से संपर्क किया, तो उन्हे धमकी देकर भगा दिया गया।
एसओ मनोज मिश्र के मुताबित नोयडा के पार्क के लिए 60 मूर्तियों का आर्डर दिया गया था, लेकिन केवल 20 ही लगी और बाकि को अंबेडकर पार्क में रखवा दिया गया। आदित्य ने सरकार से तो भुगतान ले लिया, लेकिन मदनलाल को पूरा पैसा नहीं दिया। आदित्य पुलिस की गिरफ्त में है, और उनसे पूछ ताछ की जा रही है। लखनऊ और नोयडा में दलित स्मारकों को बनाने में 4 हजार करोड़ रूपये खर्च हुए थे। नोयडा के पार्क में 156 और लखनऊ के पार्क में 52 मूर्तियां लगाई गई थी।