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फलक के बचने की उम्मीदें घटी, फिर हुआ ऑपरेशन

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AIIMS
दिल्ली (ब्यूरो)। एक बार फिर फलक की जिंदगी में काली साया आ गई है। उम्मीद की किरण दिख रहीं थीं लेकिन सोमवार रात उसकी हालत बिगडने लगी। उसके मस्तिष्क की दूसरी सर्जरी करनी पड़ी और वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। फलक के छाती में पानी भी भर गया है। डाक्टरों को आशंका है कि दिमाग में इन्फेक्शन हो गया है। डाक्टर स्वीकार कर रहे हैं कि फलक के बचने की संभावना बहुत कम है। कोई चमत्कार ही उसे बचा सकता है।

18 जनवरी से मौत से संघर्ष कर रही फलक के मस्तिष्क की पहली सर्जरी भर्ती होने के साथ करनी पड़ी थी। उस समय ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों गंभीर चोट लगने के कारण मस्तिष्क में जमे रक्त के थक्के को निकालने के लिए किया था। स्थिति में सुधार होने के बाद 27 जनवरी को फलक को वेंटिलेटर हटा लिया गया था। लेकिन अचानक स्थिति बिगड़ने के बाद सोमवार को दूसरी सर्जरी करनी पड़ी। न्यूरो सर्जन डॉ.सुमित सिन्हा ने बताया कि जिसकी आशंका थी वह सामने आ गई। फलक के मस्तिष्क में भी पानी भर गया था जिसे निकालना जरूरी था। साथ ही निमोनिया से भी ग्रसित हो गई है। फिलहाल उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। फिलहाल उसकी स्थिति गंभीर है और लगातार निगरानी बरती जा रही है।

उधर, फलक मामले में पुलिस ने सीबीआई से मौका-मुआयने की सहायता मांगी है। सीबीआई की एसएफएल की एक टीम महिपालपुर में उस जगह पहुंची जहां किशोरी के साथ राजकुमार उर्फ दिलशाह अहमद रहा था और जहां किशोरी ने फलक को पिटाई की थी। एसएफएल टीम ने दीवार से खून के धब्बे उठाए और अन्य तफ्तीश की। एसएफएल की टीम वहां करीब दो घंटे रही। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एसएफएल टीम ने अनौपचारिक रूप से बुलाया गया था।

पुलिस ने लक्ष्मी को हिरासत में ले लिया है जिसके पास मुन्नी (फलक की असली मां) फलक को छोड़कर गई थी। वहीं राजकुमार मुंबई से फरार होने में कामयाब हो गया है। दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फलक के चलते राजकुमार और उसकी पत्नी में में बहुत क्लेश हो गया था। अपने बेटे की दिमागी हालत ठीक नहीं होने के कारण राजकुमार उसे अपनाना चाहता था, जबकि पत्नी फलक को नहीं अपनाना चाहती थी।

राजकुमार के बेटे का मुंबई में इलाज चल रहा था। इस झगड़े से पत्नी घर छोड़कर मुंबई स्थित मायके चली गई थी। राजकुमार राधा (बदला हुआ नाम) को लेकर अपने घर गया था। उसने पत्नी से राधा का परिचय दोस्त की साली के रुप में करवाया था। संदेह होने पर इनका झगड़ा और बढ़ गया था। जब पत्नी मुंबई चली गई तो उसने राधा को द्वारका के सेक्टर-16 स्थित कच्ची कॉलोनी के अपने घर में करीब एक-डेढ़ महीने रखा था।

जब पत्नी वापस आ गई तो वह राधा के साथ द्वारका में रहने लगा था। राजकुमार के पास प्राइवेट नंबर की दो कार है। एक पुरानी जैन है और वह खराब है। दूसरी एसेंट है, जिस पर उसने एक लाख 90 हजार का लोन ले रखा है। दिल्ली पुलिस की टीमें मुंबई और बिहार में दबिश दे रही हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना हैं कि राजकुमार मुंबई से राजस्थान या गुजरात चला गया है।

पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता ने कहा कि मीडिया में कवरेज होने की वजह से राजकुमार पुलिस की गिरफ्त में आने से बच गया। मीडिया में कवरेज आने के बाद किसी ने उसे मुंबई फोन कर पूरे मामले की जानकारी दे दी थी। इसके बाद वह सतर्क हो गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मीडिया में रिपोर्ट आने से पहले राजकुमार दिल्ली पुलिस के संपर्क में था और वह पुलिस की सहायता करने को तैयार था। मीडिया में खबरें आने के बाद कुछ रिश्तेदारों ने उसे सूचित कर दिया और उसके बाद उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया।

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English summary
A brain surgery was conducted on her Monday. Deepak Agrawal, assistant professor (neurosurgery) said We have done a small brain surgery to remove fluids from her brain.
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