कोर्ट ने गिलानी को जरदारी के खिलाफ केस खोलने के आदेश दिए
कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को कोर्ट में पेश नहीं रहना पड़ेगा। कोर्ट में अपनी पेशी के दौरान प्रधानमंत्री गिलानी ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और कोर्ट की तौहीन के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। गिलानी ने यह भी कहा कि देश के राष्ट्रपति को संविधान के तहत केस से छूट मिलती है।
एनआरओ मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी से पूछा कि उन्होंने राष्ट्रपति जरदारी ये जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में जांच क्यों नहीं करवाई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गिलानी को आदेश दिया था कि स्विस बैंक को चिट्ठी लिख वे जरदारी के खातों के बारे में जानकारियां जुटाएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गिलानी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी को आदेश दिया है कि वे राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलें। कोर्ट ने गिलानी से यह भी पूछा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्होंने जरदारी के खिलाफ जांच क्यों नहीं शुरू की। कोर्ट ने गिलानी को फटकार लगाई कि उन्होंने जरदारी मामले में खुद सारे फैसले किस तरह कर लिए।
इस मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री गिलानी ने सुप्रीम कोर्ट से 1 महीने का वक्त मांगा था। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें 2 हफ्ते का वक्त दिया है। प्रधानमंत्री गिलानी सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई के दौरान लगभग 1 घंटा और 40 मिनट तक कोर्ट में ही मौजूद थे।