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पांच बच्चों को मरणोपरांत मिलेगा राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार
भारतीय बाल कल्याण परिषद ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में इन 24 बहादुर बच्चों के नामों की घोषणा की। कपिल के अलावा मरणोपरांत बहादुरी पुरस्कार पाने वालों में सौधिता बर्मन, लवली वर्मा, अदित्य गोपाल और सी लालदुहावमा शामिल हैं। जैसलमेर का सात वर्षीय डूंगर सिंह आंग में कूदकर विकलांग महेंद्र सिंह की जान बचाया थार, उसको इसी साहस की वजह से पुरस्कार दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजे गए यह बच्चे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। बच्चों को अधिकतम पचास हजार रुपये और न्यूनतम बीस हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाती है। भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से पढ़ाई के लिए स्पांसरशिप भी मिलती है। भारत सरकार भी पुरस्कार पाए बच्चों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेज और पालिटेक्निक में सीटें आरक्षित रखती है।
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English summary
15-year-old Kapil, who made the supreme sacrifice while saving his schoolmates from flood fury in Uttarakhand, is among the five children to get the National Bravery Awards posthumously in 2012.
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