बांध मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई टाली
केरल के इदुक्की जिले में स्थित मुल्लापेरियार बांध को लेकर इस राज्य और तमिलनाडु के बीच विवाद चल रहा है। तमिलनाडु जहां जलाशय में जल स्तर बढ़ाना चाहता है वहीं केरल का कहना है कि 136 फुट के वर्तमान जलस्तर को घटा कर 120 फुट कर देना चाहिए। केरल चाहता है कि तमिलनाडु को जलापूर्ति करने के लिए नए बांध का निर्माण किया जाना चाहिए। तमिलनाडु इस आशंका के चलते नए बांध के निर्माण के खिलाफ है कि कहीं ऐसा करने से उसे बांध से मिलने वाले पानी पर से नियंत्रण न खोना पड़ जाए। केरल के विभिन्न समूहों का तर्क है कि बांध को भूकंप से खतरा है और ऐसा होने पर राज्य के इदुक्की, कोट्टायम, एर्नाकुलम, अलपुझा और पथानमथिट्टा जिलों के 30 लाख से अधिक लोगों के लिए जानमाल का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
पिछले पंद्रह दिनों में कल दूसरी बार प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में जयललिता ने कहा कि किसी तरह की मानव निर्मित आपदा को घटित होने से रोकने के लिए जरूरी है कि बांध स्थल पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि बांध को लेकर केरल के इदुक्की जिले में हिंसा की खबरें आने के बाद बांध स्थल की सुरक्षा जरूरी हो गयी है। जयललिता द्वारा दंडपाणि की प्रस्तुतियों को आधार बनाकर तमिलनाडु के रूख को जायज ठहराने के बाद विपक्षी दलों ने दंडपाणि को उनके पद से हटाने की मांग तेज कर दी है।
जयललिता ने केरल सरकार पर लोगों में भय फैलाने का अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे बांध की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। केरल प्रदेश कांग्रेस समिति की कार्यकारिणी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यहां बैठक कर रही है। उपवास स्थल पर के एम मणि ने तमिलनाडु से मांग की है कि वह बांध के जलस्तर की उंचाई घटाकर 120 फीट करने की केरल की मांग को मान ले।
उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले के समाधान के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की। केरल के जल मंत्री जोसेफ राज्य के लिए समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली में बिड़ला मंदिर परिसर में उपवास पर बैठ गए हैं। कल बुलायी गयी सभी दलों की बैठक में और नौ दिसंबर को होने वाली एक दिवसीय विधानसभा की बैठक में केरल प्रदेश कांग्रेस समिति कार्यकारिणी और केरल मंत्रिामंडल के सदस्य सरकार की रणनीति तय करेंगे।