शिकायत करने वाला देवर ही निकला भाभी का कातिल
जिला पुलिस अधीक्षक पी.आर. सिंह ने बताया कि झज्जर पुलिस ने कत्ल एवं कत्ल के प्रयास के आरोप में चार लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर नंबर 422 की तफ्तीश कर केस को ट्रेस करते हुए जोरदार खुलासा किया है । उन्होंने बताया कि दिनांक 5 अगस्त 2010 की रात को गांव कासनी में सुनील की पत्नी राजबाला की माथे एवं छाती में गोलियां मार कर हत्या कर दी गई थी और उसका देवर विनोद कुमार भी पुलिस को पेट में गोली लगने पर जख्मी हालत में मिला था। इस संदर्भ में पुलिस ने मौका-मुआयाना कर ब्यान दर्ज किए तो विनोद उर्फ सोनू पुत्र हवा सिंह ने अपने ही गांव के रहने वाले नरेंद्र पुत्र करतार एवं करतार पुत्र हरिसिंह, बलवान पुत्र होशियार तथा राजकुमार पुत्र बिजेंद्र पर आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया था कि उपरोक्त लोगों ने रंजिश के चलते उसे एवं उसकी भाभी राजबाला को गोलियां मारी हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उसकी भाभी राजबाला की मौत हो गई और वह खुद जख्मी हो गया है।
विनोद उर्फ सोनू की इस स्टेटमैंट पर झज्जर पुलिस ने उपरोक्त चारों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। छानबीन के दौरान पुलिस को कई ऐसी बातें पता चली जिनसे पुलिस को इस केस में कुछ अजीब होने का संदेह हुआ। एसपी श्री सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन से जुड़े पुलिस अधिकारियों का यह संदेह उस वक्त और भी पुख्ता हो गया जब शिकायतकत्र्ता विनोद उर्फ सोनू ने अब से कुछ वक्त पहले चारों आरोपियों के बारे में न केवल खुद बल्कि उसकी मां वीरमति ने भी एक एफिडेविट दिया कि जिन चार लोगों के खिलाफ उन्होंने हत्या एवं हत्या के प्रयास के आरोप लगाए थे वे लोग बेकसूर हैं।
एसपी
श्री
सिंह
ने
कहा
कि
पूछताछ
में
आरोपी
ने
कबूल
कर
लिया
है
कि
उसने
ही
खुद
अपनी
भाभी
को
गोलियां
मार
कर
उसकी
जान
ली
थी
और
फिर
पुलिस
को
गुमराह
करने
एवं
अपने
दुश्मनों
को
फंसाने
के
लिए
खुद
को
भी
पेट
में
एक
तरफ
ऐसी
जगह
गोली
मार
ली
जिससे
जान
चले
जाने
का
भय
नहीं
हो।
एसपी
श्री
सिंह
ने
बताया
कि
पूछताछ
में
विनोद
ने
विस्तार
से
सभी
बातें
कबूल
करते
हुए
बताया
है
कि
दूसरे
पक्ष
के
जिन
लोगों
को
वह
अपनी
भाभी
के
मर्डर
केस
में
फंसाना
चाहता
था
उनके
साथ
पुरानी
रंजिश
थी।