अन्ना के समर्थन में सिविल कोर्ट का जज भी आए
उन्होंने मंच से कहा, मैं एक जज हूं। दिल्ली के वीआइपी क्षेत्र में अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी भी रहा। अब तीस हजारी में सिविल जज के पद पर कार्यरत हूं। कई बार यहां आया पर मैं बाहर से ही लौट गया। अंदर से डर लग रहा था कि क्या होगा? अगर अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल हुआ तो क्या होगा? लेकिन अंतरात्मा ने मुझे बार-बार धिक्कारा। रामलीला मैदान में स्वयंसेवकों ने जन लोकपाल के पर्चे दिए तो उन्हें पढ़कर रहा नहीं गया। मन की आवाज सुनी और अपनी बात कहने के लिए आपके सामने हूं।
अन्ना के मंच से लोगों को संबोधित करते हुए न्यायाधीश अजय पांडे ने कहा, दो वर्ष मैं नई दिल्ली में अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी रहा। उस दौरान एक सांसद की गाड़ी पर संसद का पार्किग स्टिकर गलत लगा था, जिसमें दोषी सांसद को ठहराया जाना था, लेकिन आरोपी बनाया गया ड्राइवर। ड्राइवर का कसूर सिर्फ इतना था कि वह गरीब था। कल उसकी जगह मेरा बच्चा होगा, तुम्हारे परिवार का कोई सदस्य हो सकता है। जब तक भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए कोई सख्त और पारदर्शी कानून नहीं बनेगा तब तक ऊपरी दबाव के चलते किसी न किसी व्यक्ति पर दोष थोपा जाता रहेगा। न्यायपालिका पुलिस से कहती है जांच करो, पुलिस वाले नहीं करते, क्योंकि व्यवस्था ही भ्रष्ट हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि उस कानून और संविधान का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता, जो लोकतंत्र में जनसेवकों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध पंगु बनाए और जनता पिसती रहे। हमारी व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन ऊपर बैठे लोग उसके लचीलेपन का दुरुपयोग कर रहे हैं। मेरा सरकारी कर्मचारियों से आग्रह है कि अगर वह जनसेवक होने का दंभ भरते हैं और भ्रष्टाचारी व्यवस्था के खिलाफ हैं तो अन्ना को समर्थन देने यहां आएं, क्योंकि यह आंदोलन उनके बच्चों का भविष्य तय करेगा। इसके साथ ही अन्ना को समर्थन देने वालों में हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव और टीवी और फिल्मी कलाकार रघुवीर यादव भी पहुंचे। उन्होंने मंच से लोगों को संबोधित भी किया।