फांसी के खिलाफ कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
अगर सुप्रीम कोर्ट भी कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखती है तो वह राष्ट्रपति से माफी की अपील कर सकता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसी साल 21 फरवरी को कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में कसाब शामिल था उसमें 166 लोगों की जान गई थी। इस हमले में कसाब के साथ शामिल बाकी 9 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद कसाब को 80 मामलों में दोषी पाया गया था।
इस आतंकी हमले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के कई सीनियर पुलिस अधिकारी भी मारे गए थे। कसाब ने अन्य आतंकियों के साथ मिलकर यहां के 3 बड़े होटलों पर भी हमला किया था। यहां होटलों के अंदर घुसकर इन लोगों ने मौत का तांडव खेला था। इन आतंकियों ने इससे पहले छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर भी अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें कई लोगों की जान गई थी।
शुरुआत
में
पाकिस्तान
की
सरकार
कसाब
के
वहां
के
नागरिक
होने
से
इंकार
कर
रही
थी।
लेकिन
जनवरी
2009
में
पाकिस्तान
ने
कसाब
के
पाकिस्तानी
नागरिक
होने
की
बात
मान
ली
थी।
इसके
बाद
से
लगातार
भारत
पाकिस्तान
से
इन
हमलों
की
जानकारी
मांगता
रहा
था।
दोनों
देशों
के
संबंधों
में
भी
इसके
बाद
खटास
आ
गई
थी।
दोनों
देशों
के
बीच
कसाब
को
लेकर
एक
बार
राजनीति
फिर
तेज
हो
गई
है।
पाकिस्तान
में
भी
कसाब
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
कर
दी
गई
है।