क्या सत्य साईं बाबा की मृत्यु 24 अप्रैल से पहले हुई?
जी हां यह सवाल अब बाबा के करोड़ों भक्तों के ज़हन में घूमने लगा है। बाबा की मृत्यु को लेकर कुछ ऐसे तथ्य सामने आये हैं, जिनसे आपको भी यकीन हो जाएगा कि बाबा की मौत की खबर उनका ट्रस्ट ने एक दो नहीं बल्कि करीब 20 दिन तक दबाये रखी।
28 मार्च को जब सत्य साईं की तबियत बिगड़ी तो अस्पताल में डॉक्टरों का तांता लग गया। एक तरफ जहां सत्य साईं की तबियत को लेकर भक्त उनके मेडिकल बुलेटिन पर नज़रें बनाये हुए थे, वहीं चोरी छिपे 4 अप्रैल को बेंगलुरू से शव रखने वाला बॉक्स का ऑर्डर दे दिया गया। यह ऑर्डर ट्रस्ट के कार्यकर्ता राजेंद्र नाथ रेड्डी ने पुट्टापर्थी से बेंगलुरू आकर ऑर्डर दिया। बॉक्स की कीमत 1.07 लाख रुपए थी। ऑर्डर के तुरंत बाद कुमार एंड कंपनी ने वीआईपी ब्रांडेड बॉक्स की सप्लाई भी दे दी। ये वही बॉक्स है, जिसमें बाबा के पार्थिव शरीर को तीन दिन तक कुलवंत हॉल में रखा गया।
अब सवाल यह उठता है कि 20 दिन पहले अगर शव रखने वाला बॉक्स पुट्टापर्थी आ चुका था तो उसका क्या मतलब है। क्या बाबा की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी? क्या 24 तारीख तक जारी हुए मेडिकल बुलेटिन झूठे थे? वैसे इसके पीछे अगर कारण पूछें तो वो सिर्फ विवाद हो सकता है, जो ट्रस्ट की दावेदारी को लेकर खड़ा हो चुका है।