गोधरा मामले में 31 अभियुक्तों पर फैसला आज
गोधरा दंगों के दौरान साबरमती ट्रेन में जला कर मारे गए लोगों के विवरण इतने डरावने हैं कि यह देश के सबसे लोमहर्षक सांप्रदायिक दंगों से से एक माना जाता है। अदालत ने माना है कि दंगे एक पूर्वनियोजित योजना थी जिसका लक्ष्य अयोध्या से लौट रहे 59 लोगों के एक पैनल को मौत के घाट उतारना था। इस घटना के बाद गुजरात के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगे फैल गए थे।
अदालत दंगों के मुख्य आरोपी मौलवी हुसैन उमराजी को छोड़ चुकी है क्योंकि मौलवी के खिलाफ अदालत में पेश किए गए साक्ष्य बेहद कमजोर थे। गुजरात पुलिस के मुताबिक, गुजरात दंगों का मास्टरमाइंड मौलवी ही था। अदालत आज 31 आरोपियों के भाग्य का फैसला तो कर देगी लेकिन इससे पहले जिन 63 लोगों को अदालत ने अभियुक्त नहीं माना है, वे सभी पिछले 9 सालों से जेल के सींचों के अंदर किस अपराध की सजा भुगत रहे थे, इसका जवाब कौन देगा? मालूम हो कि गोधरा दंगे साल 2002 में फैले थे।